छतरपुर। हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपने इस सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा लिया है। उन्होंने छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में हिंदुस्तान का पहला हिंदू ग्राम बसाने की आधारशिला रखी है। इस परियोजना का भूमिपूजन विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार और कन्या पूजन के साथ किया गया। यह हिंदू ग्राम अगले दो वर्षों में बनकर तैयार हो जाएगा।
क्या होगा खास इस हिंदू ग्राम में?
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए हिंदू राज्य, हिंदू जिले, हिंदू ग्राम और हिंदू घरों की जरूरत है। इसी दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए बागेश्वर धाम में इस गांव का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें एक हजार परिवारों के लिए घर बनाए जाएंगे। बागेश्वर धाम जनसेवा समिति इस गांव के लिए सनातन धर्म प्रेमियों को जमीन उपलब्ध कराएगी और यहां भवनों का निर्माण किया जाएगा।
हिंदू ग्राम के नियम और शर्तें
- यह हिंदू ग्राम पूरी तरह से हिंदू समाज के लिए होगा, हालांकि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले अन्य लोग इसमें प्रवेश कर सकते हैं।
- गांव में मकानों की खरीद-फरोख्त पर रोक रहेगी, जिससे कोई बाहरी व्यक्ति या धर्म विरोधी ताकत इसे खरीद न सके।
- यहां रहने वाले लोगों को अनुबंध के तहत मकान दिए जाएंगे, लेकिन उनके पास इसे बेचने का अधिकार नहीं होगा।
- हिंदू संस्कृति और परंपराओं को बनाए रखने के लिए विशेष नियम बनाए जाएंगे।
बागेश्वर धाम में भूमिपूजन के बाद राजनीतिक विवाद शुरू
बागेश्वर धाम में हिंदू ग्राम के निर्माण की खबर फैलते ही यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेने लगा है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज़ ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या यह संविधान सम्मत है? क्या भारत का संविधान इस बात की अनुमति देता है कि किसी समुदाय विशेष को किसी क्षेत्र में प्रवेश न दिया जाए?” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के कदम देश की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़े करते हैं।
वहीं, बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस के विरोध पर पलटवार करते हुए कहा, “कांग्रेस हिंदू ग्राम की परिकल्पना को समझने में नाकाम रही है। यह हिंदू संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
कट्टर हिंदू अभियान की तैयारी
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री इससे पहले भी हिंदू राष्ट्र की स्थापना को लेकर बयान दे चुके हैं। उन्होंने घोषणा की थी कि हिंदू राष्ट्र बनाने से पहले हर घर और गांव में कट्टर हिंदू बनाने की मुहिम चलाई जाएगी। उनका कहना है, “जहां बारिश नहीं होती, वहां की फसलें खराब हो जाती हैं और जहां सनातन के संस्कार नहीं होते, वहां की नस्लें खराब हो जाती हैं। हम कट्टर हिंदू बनाने का काम करेंगे।”
क्या यह कदम संविधान के अनुरूप है?
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी धर्मों को समान अधिकार दिए गए हैं। ऐसे में हिंदू ग्राम और कट्टर हिंदू जैसे अभियानों की वैधता पर सवाल उठना स्वाभाविक है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले पर सरकार और न्यायपालिका का क्या रुख रहेगा। फिलहाल, इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है और आने वाले दिनों में इस पर और विवाद बढ़ सकता है। भोपाल से आकाश सेन के साथ सुजीत लांजेवाल की रिपोर्ट स्वदेश न्यूज।