BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली/संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने पाकिस्तान को जमकर आड़े हाथों लिया और उसे एक “दुष्ट राष्ट्र” करार दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान न सिर्फ आतंकवादियों को पनाह देता है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है, जिससे पूरे दक्षिण एशिया में अशांति फैल रही है।

आतंकवाद पर पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति
संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद-विरोधी बैठक के दौरान योजना पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया इंटरव्यू का हवाला देते हुए कहा कि खुद पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया है कि उनके देश ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी और उन्हें आर्थिक सहायता भी पहुंचाई। उन्होंने कहा,
#WATCH | Ambassador Yojna Patel, India's Deputy Permanent Representative at the UN says, "The Pahalgam terrorist attack represents the largest number of civilian casualties since the horrific 26/11 Mumbai attacks in 2008. Having been a victim of cross-border terrorism for… pic.twitter.com/ltwQxJN2iP
— ANI (@ANI) April 29, 2025
“जब खुद पाकिस्तान के मंत्री यह बात स्वीकार कर रहे हैं, तो फिर किसी सबूत की जरूरत ही नहीं बचती। यह पाकिस्तान की अपनी सच्चाई को उजागर करने जैसा है।”
पहलगाम हमला: 2008 के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला
योजना पटेल ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। उन्होंने इसे 2008 के मुंबई हमले के बाद भारत पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है और यह हमला उसी कड़ी का हिस्सा है।
मंच का दुरुपयोग करने का आरोप
संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए योजना पटेल ने नाम लिए बिना पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ देशों के प्रतिनिधियों ने अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग किया और भारत पर झूठे आरोप लगाने का प्रयास किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों द्वारा भारत को मिले समर्थन के लिए धन्यवाद भी जताया।
ख्वाजा आसिफ का कबूलनामा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में यह स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने पिछले तीन दशकों से आतंकवाद को समर्थन देने का काम किया है, खासकर अमेरिका के इशारे पर। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों का अस्तित्व पहले था, लेकिन अब वे कमजोर हो चुके हैं। हालांकि, उनका यह बयान अपने आप में बहुत कुछ कहता है।
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