ताज़ा रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया हो सकता है। इन सटीक हमलों में रडार सिस्टम, कमांड सेंटर और हथियार डिपो जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बनाया गया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
यह लेख इन हमलों की पूरी जानकारी, इस्तेमाल किए गए हथियारों और उनके रणनीतिक प्रभावों को समझाता है।
हमलों के प्रमुख लक्ष्य
Swadesh News की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिनमें शामिल हैं:
- रफीकी एयर बेस (शोरकोट, झंग) – पाकिस्तानी वायुसेना के उन्नत लड़ाकू विमानों का ठिकाना।
- मुरीद एयर बेस (चकवाल) – यहाँ ड्रोन और यूसीएवी (बिना पायलट वाले लड़ाकू ड्रोन) तैनात हैं।
- नूर खान एयर बेस (चकलाला, रावलपिंडी) – हवाई ईंधन भरने और भारी परिवहन विमानों का केंद्र।
- पासरुर और सियालकोट के रडार सिस्टम – पाकिस्तान की निगरानी क्षमता को निशाना बनाया गया।
- अन्य स्थान: रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनियां, स्कार्दू, भोलारी, जैकबाबाद और सरगोधा।
इन हमलों का मकसद पाकिस्तान की कमांड और कंट्रोल क्षमता को कमजोर करना था।
हमलों में कौन से हथियार इस्तेमाल हुए?
भारतीय सुरक्षा बलों ने कई उन्नत मिसाइलों और बमों का इस्तेमाल किया, जिनमें शामिल हैं:
1. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
- गति: मैक 2.8-3.0 (ध्वनि की गति से तीन गुना तेज)।
- रेंज: 290-500 किमी (निर्यात संस्करण 290 किमी तक सीमित)।
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: जमीन, समुद्र, हवा और पनडुब्बी से दागी जा सकती है।
- फायदा: तेज गति और निचली उड़ान के कारण इसे रोकना मुश्किल।
2. हैमर (HAMMER) एयर-टू-सरफेस मिसाइल
- प्रकार: हवा से जमीन पर हमला करने वाला सटीक बम।
- इस्तेमाल: भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों द्वारा।
- क्षमता: बंकरों और महत्वपूर्ण लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है।
3. स्काल्प (SCALP) क्रूज मिसाइल
- रेंज: 560 किमी तक।
- स्टील्थ: रडार पर कम दिखाई देती है।
- लॉन्च: राफेल विमानों से।

भारत ने हमला क्यों किया?
रक्षा और विदेश मंत्रालय की संयुक्त ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने पहले भारत पर कई हमले किए थे, जिनमें शामिल हैं:
- ड्रोन और यूसीएवी का इस्तेमाल कर नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाना।
- लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर भारी गोलाबारी।
- 26 से ज्यादा जगहों (श्रीनगर से नलिया तक) पर हवाई घुसपैठ की कोशिश।
भारतीय सुरक्षा बलों ने इन हमलों को नाकाम कर दिया, हालाँकि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज के एयर बेस पर कुछ नुकसान हुआ।
ब्रह्मोस मिसाइल क्यों है खास?
ब्रह्मोस मिसाइल भारत के DRDO और रूस के NPOM का संयुक्त उत्पाद है और दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों में से एक है।
मुख्य विशेषताएँ:
✔ सुपरसोनिक गति (अमेरिकी टोमाहॉक मिसाइल से तीन गुना तेज)।
✔ हर प्लेटफॉर्म से लॉन्च (जमीन, समुद्र, हवा, पनडुब्बी)।
✔ सटीक निशाना (1-2 मीटर के अंदर)।
✔ दो वेरिएंट (जहाज-रोधी और जमीन पर हमला करने वाली)।
भारतीय सेना में तैनाती:
- थल सेना और नौसेना: पहले से इस्तेमाल हो रही है।
- वायुसेना: सु-30MKI विमानों पर लगी हुई है।
रणनीतिक प्रभाव
- भारत की मजबूती: गहरे इलाकों में सटीक हमले करने की क्षमता का प्रदर्शन।
- पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: जवाबी हमले की आशंका, लेकिन भारत के S-400 जैसे डिफेंस सिस्टम खतरे को कम कर सकते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत की आत्मरक्षा और आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूती।
निष्कर्ष
भारत द्वारा ब्रह्मोस मिसाइलों के इस्तेमाल ने सीमा पार सैन्य रणनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमलों से भारत ने अपनी आधुनिक युद्ध क्षमता का प्रदर्शन किया है।