BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर में आयोजित राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के 168वें बलिदान दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इन वीरों का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान “स्वदेशी” की भावना से प्रेरित था। उनका कहना था कि देश में अपना शासन, अपना कानून और अपनी संस्कृति बनाए रखना इन जनजातीय वीरों के संघर्ष का मूल कारण था।
राजा शंकर शाह और उनके पुत्र रघुनाथ शाह ने अंग्रेजों के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया। पिता-पुत्र की जोड़ी ने अपने लक्ष्य की खातिर अत्यधिक साहस दिखाया और सर्वोच्च बलिदान देकर अमर हो गए। प्रदेश सरकार ने उनके बलिदान स्थल को स्मारक के रूप में विकसित किया है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके योगदान को याद रखें।
अंग्रेजों के आगे न झुकने का अद्वितीय साहस
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह ने अंग्रेजों के खिलाफ कविता और गीतों के माध्यम से आवाज उठाई। वे अपने जंगल, जमीन और राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार थे। अंग्रेजों ने उन्हें धर्म बदलने, अंग्रेजी सत्ता स्वीकार करने और माफी मांगने का प्रस्ताव रखा, लेकिन दोनों वीरों ने यह प्रस्ताव बहादुरी से ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि चाहे तोप से मार दिया जाए, वे फिर से विद्रोह करेंगे और देश की रक्षा करेंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि जीवन में जन्म और मृत्यु हर किसी के लिए निर्धारित है, लेकिन देश के लिए बलिदान देने वाले शहीद हमेशा अमर रहते हैं। राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के अदम्य साहस और बलिदान ने आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाए रखा है।
स्वदेशी अपनाने की प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वदेशी अपनाने का अभियान चल रहा है और इसी से विकसित भारत की दिशा तय होगी। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से कहा, “गर्व से कहो हम स्वदेशी अपनाएंगे,” और लोगों को रोजमर्रा की आवश्यकताओं में स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। हमारे गांव आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के श्रेष्ठ उदाहरण हैं। स्वदेशी उत्पादों का उपयोग न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है बल्कि राष्ट्रभक्ति और संस्कृति को भी मजबूत बनाता है।
जबलपुर: जनजातीय वीरों की भूमि
डॉ. यादव ने कहा कि महाकौशल क्षेत्र, जिसे “महावीरों की धरती” कहा जाता है, हमेशा वीरों के बलिदान से समृद्ध रहा है। राजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह और रानी दुर्गावती जैसी विभूतियों का साहस और त्याग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। उन्होंने कहा कि उनके बलिदान की कहानी हमें देश सेवा और राष्ट्रभक्ति के मार्ग पर अग्रसर करती है।
माताओं, बहनों और बेटियों के स्वास्थ्य की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश के जनजातीय अंचल धार में अपना जन्म दिवस मनाकर प्रदेशवासियों को गौरवान्वित किया। केंद्र और राज्य सरकार माताओं, बहनों और बेटियों के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। उन्होंने “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान के तहत महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य जांच कराने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में सक्रिय और संवेदनशील होकर सभी कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए सरकार की प्राथमिकता सर्वोपरि है।
स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने सेवा पखवाड़ा के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस कल्चरल एंड इन्फॉर्मेशन सेंटर में आयोजित स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने स्व-सहायता समूहों की महिलाएं द्वारा निर्मित विभिन्न उपयोगी और हस्तनिर्मित उत्पादों को देखा और उनकी सराहना की।
डॉ. यादव ने कहा कि स्वदेशी अभियान से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम को और व्यापक बनाने की जरूरत है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें और इस दिशा में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने लखपति दीदियों द्वारा निर्मित हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित किया और देशी कुल्हड़ में चाय की चुस्की भी ली।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, सांसद श्री आशीष दुबे, राज्यसभा सदस्य श्रीमती सुमित्रा वाल्मीकि, विधायक डॉ. अभिलाष पांडे, विधायक श्री अशोक रोहाणी, महापौर श्री जगत बहादुर सिंह ‘अन्नू भैया’ सहित अन्य जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे।





