Himachal Statehood Day 2025: हिमाचल प्रदेश, उत्तर भारत की उस पावन भूमि का नाम है, जो हिमालय की गोद में पलता और अपनी बर्फीली चोटियों से कहानियां सुनाता है। यहाँ की हवाओं में ठंडक ही नहीं, बल्कि परिश्रम और आत्मसम्मान की महक भी बसी है। तिब्बत की सीमा से सटा यह राज्य न सिर्फ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी अदम्य जिजीविषा और बढ़ती आर्थिक ताकत के लिए भी प्रसिद्ध है।
हिमाचल: बर्फीले सपनों की धरती
‘हिमाचल’, जिसका अर्थ ही है ‘बर्फ से घिरा प्रदेश,’ अपनी शांत वादियों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से हर आगंतुक का दिल जीत लेता है। यहाँ की घाटियों में गूंजती नदियों की आवाज़ और बर्फ से लदी चोटियों का सौंदर्य ऐसा है, जो हर दिल को मोह ले। ट्रैकिंग के शौकीन हों या प्रकृति प्रेमी, हर कोई यहाँ आकर खुद को खो देता है।
लेकिन हिमाचल केवल प्रकृति का गीत नहीं गाता। यह राज्य अपनी मेहनतकश जनता और उनकी उपलब्धियों का भी प्रतीक है। यह चौथे सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला राज्य है और भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी तेजी से बढ़ती पहचान बना चुका है।
राज्यत्व दिवस: संघर्ष और सफलता की कहानी
25 जनवरी 1971, वह दिन जब हिमाचल प्रदेश को भारत के 18वें राज्य का दर्जा मिला। यह केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक युग का आरंभ था। यह वह दिन था, जब हिमाचल के लोगों के संघर्ष और सपनों को पहचान मिली।

हिमाचल राज्यत्व दिवस हर साल उस जज़्बे और जुनून का उत्सव है, जिसने इस प्रदेश को अपनी खास पहचान दिलाई। यह दिन याद दिलाता है कि कैसे इस धरती के लोगों ने कठिन राहों पर चलकर अपनी मंज़िल पाई। यह दिन उनके बलिदानों और दूरदर्शिता को सलाम करता है।
25 जनवरी: हिमाचल की जीत का उत्सव
हर साल 25 जनवरी को हिमाचल की धरती अपने राज्यत्व दिवस का उत्सव मनाती है। यह दिन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जब हिमाचल को उसकी स्वतंत्र पहचान मिली। यह सार्वजनिक अवकाश न केवल खुशी का दिन है, बल्कि एक प्रेरणा है, जो हमें हमारी जड़ों और संघर्षों की याद दिलाता है।
हिमाचल के जज़्बे को नमन
तो इस राज्यत्व दिवस, आइए हिमाचल की उन बर्फीली चोटियों को सलाम करें, जिनकी ऊंचाई हमारे सपनों का प्रतीक है। आइए, उन मेहनतकश लोगों को नमन करें, जिनकी दृढ़ता और विश्वास ने इस प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
“जहाँ बर्फ की चादर ओढ़े सपने जागते हैं,
जहाँ हर घाटी में संघर्ष की कहानियां बसती हैं।
उस हिमाचल को सलाम, जो हर दिल का अभिमान है,
हिमालय की गोद में जो चमकता स्वर्ग समान है।”