14 अप्रैल से शुरू करेंगी ‘सनातनी युवा जोड़ो पदयात्रा’
स्थान: मथुरा
दिनांक: 11 अप्रैल 2025
रिपोर्ट: खन्ना सैनी
महाकुंभ के दौरान अपने बयानों और विचारों से चर्चा में आई साध्वी हर्षा रिछारिया आज मथुरा के पावन तीर्थधाम वृंदावन पहुंचीं। यहां उन्होंने श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की और आश्रम परिसर में संत-महंतों के सानिध्य में शिवलिंग का विधिवत महाभिषेक भी किया।
हर्षा रिछारिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि वह 14 अप्रैल से ‘सनातनी युवा जोड़ो पदयात्रा’ की शुरुआत करेंगी, जो वृंदावन से आरंभ होकर 21 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कल्कि धाम में संपन्न होगी। उन्होंने बताया कि इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य देश की युवा पीढ़ी को सनातन धर्म के मूल विचारों और परंपराओं से जोड़ना है।
साध्वी हर्षा ने कहा, “हमने सोच-समझकर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन से इस यात्रा की शुरुआत करने का निर्णय लिया है और समापन विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि के स्थान संभल में होगा। इस यात्रा का उद्देश्य पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और युवाओं को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह पदयात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता का भी माध्यम बनेगी, जिसमें युवा वर्ग की भागीदारी सबसे अधिक होगी।
वृंदावन आगमन के दौरान हर्षा रिछारिया का साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया। उनके विचारों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए। अब सभी की निगाहें 14 अप्रैल को शुरू होने वाली इस विशेष पदयात्रा पर टिकी हैं, जो एक नई सांस्कृतिक चेतना का संदेश देने का प्रयास करेगी।