ग्वालियर स्थित राजीव गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में जल्द ही नए जानवरों की आमद होने जा रही है। इसके तहत बिलासपुर के कानन पेंडारी प्राणी उद्यान से भालू, लोमड़ी और चौसिंगा जैसे वन्य जीव लाए जाएंगे। वहीं, ग्वालियर के चिड़ियाघर से एक सफेद बाघ को विदाई दी जाएगी। यह सब एक एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है।
कौन-कौन से जानवर आ रहे हैं ग्वालियर?
राजीव गांधी प्राणी उद्यान को जो नए जानवर मिलेंगे, वे इस प्रकार हैं:
- 1 देसी भालू
- 3 मादा लोमड़ियां
- 2 चौसिंगा (हिरण की खास प्रजाति)
इन सभी को 22 जून को एक विशेष कंटेनर के जरिए बिलासपुर से लाया जाएगा।
सफेद बाघ की विदाई
चिड़ियाघर से रवाना होने वाला सफेद बाघ लगभग दो साल का है और इसे बिलासपुर के पेंडारी जू में स्थानांतरित किया जाएगा।
विशेष कंटेनर का इस्तेमाल कर 22 जून को बाघ को भेजा जाएगा और उसी कंटेनर में नए जानवर ग्वालियर आएंगे।
नए जानवरों के लिए विशेष व्यवस्था
चिड़ियाघर के क्यूरेटर गौरव परिहार ने बताया कि सभी आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
नए जानवरों के लिए:
- अलग-अलग विशेष एन्क्लोजर (बाड़े) बनाए गए हैं।
- उनका वातावरण इस तरह से तैयार किया गया है कि वे खुद को प्राकृतिक माहौल में महसूस कर सकें।
सफेद बाघों की मौजूदा संख्या
फिलहाल ग्वालियर चिड़ियाघर में कुल 10 बाघ हैं, जिनमें 4 सफेद बाघ शामिल हैं।
हाल ही में नरवाइन डिसऑर्डर नाम की बीमारी के कारण एक बाघ की मृत्यु हो गई थी।
अब सफेद बाघ के जाने के बाद चिड़ियाघर में केवल 9 बाघ रह जाएंगे।
नरवाइन डिसऑर्डर – एक गंभीर बीमारी है जो बाघों के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है।
क्यों बढ़ेगी चिड़ियाघर की रौनक?
नए जानवरों के आने से:
- चिड़ियाघर में जैव विविधता बढ़ेगी।
- बच्चों और पर्यटकों को विभिन्न जीवों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।
- चिड़ियाघर की लोकप्रियता और विज़िटर एंगेजमेंट में भी इजाफा होगा।
राजीव गांधी प्राणी उद्यान में होने वाले ये बदलाव न केवल चिड़ियाघर के लिए बल्कि पशु प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी एक सुखद खबर है। जहां एक ओर सफेद बाघ की विदाई भावनात्मक होगी, वहीं भालू, लोमड़ी और चौसिंगा जैसे नए जानवरों की एंट्री से चिड़ियाघर को एक नई पहचान मिलेगी।