ग्वालियर में लगातार बारिश से हालात बेकाबू हो गए हैं। शहर की सड़कों पर जगह-जगह जलभराव हो गया है, सीवर उफान पर हैं और सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है। इस बीच, नगर निगम की लापरवाही के कारण नागरिक परेशान हैं, क्योंकि कंट्रोल रूम और अधिकारियों के फोन कॉल्स तक रिसीव नहीं किए जा रहे।
इसी मुद्दे पर दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने अधिकारियों के रवैये पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा,
“अफसर सुविधाएं तो पूरी चाहते हैं, लेकिन काम करने में रुचि नहीं दिखाते।”
अफसरों की निगरानी के लिए बनेगी विशेष सेल
डबल बेंच ने नगर निगम को स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ निगरानी के लिए एक अलग सेल बनाई जाए। यह सेल जनता की शिकायतें दर्ज करेगी और कॉल रिसीव न करने वाले अफसरों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
नगर निगम आयुक्त को कोर्ट की सख्त हिदायत
सुनवाई के दौरान नगर निगम आयुक्त संघप्रिय और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। कोर्ट ने आयुक्त को निर्देश दिया कि:
- अपने अधीनस्थ अधिकारियों का जनता के प्रति व्यवहार सुधारें।
- कॉल रिसीव न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें।
- जलभराव की समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित करें।
बारिश से बिगड़े हालात: शहर में जलभराव और सीवर की समस्या
लगातार हो रही बारिश से ग्वालियर शहर की स्थिति गंभीर हो गई है।
- सड़कें तालाब जैसी: कई इलाकों में सड़कें पानी में डूब गईं।
- निचले इलाकों में पानी: ड्रेनेज सिस्टम की कमी के कारण निचले इलाकों में जलभराव बढ़ गया।
- 150 पॉइंट चिन्हित: नगर निगम ने लगभग 150 जगहों को चिन्हित किया है, जहां पंप लगाकर बारिश का पानी निकाला जाएगा।
लैंडफिल साइट पर कचरे का पहाड़, हाईकोर्ट भी चिंतित
एक अन्य याचिका में केदारपुर लैंडफिल साइट पर बढ़ते कचरे को लेकर भी चिंता जताई गई। कोर्ट ने नगर निगम को कचरे के निस्तारण के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता का बयान
अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने कहा:
“बारिश के बाद जलभराव, उफनते सीवर और नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ हमने जनहित याचिका दायर की। कोर्ट ने इस पर गंभीरता से सुनवाई कर जांच और निगरानी के लिए अलग सेल बनाने के निर्देश दिए हैं।”