ग्वालियर शहर में शुक्रवार शाम आई तेज आंधी और बारिश ने एक दर्दनाक हादसे को जन्म दिया। शंकरपुर इलाके में एक दो मंजिला मकान की दीवार गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही का संकेत देता है, बल्कि मानसून से पहले की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करता है।
हादसा कैसे हुआ?
यह दुखद घटना ग्वालियर के भावपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत शंकरपुर मोहल्ले की है। यहां महेंद्र सिंह इंगले का दो मंजिला मकान है। मकान के पास ही उनका एक प्लॉट है, जिस पर टीन शेड लगा हुआ था।
- शुक्रवार शाम तेज आंधी और बारिश शुरू हुई
- उसी दौरान मकान की दीवार कमजोर पड़ गई और टीन शेड पर गिर गई
- उस समय महेंद्र सिंह और पांच अन्य लोग नीचे मौजूद थे
- दीवार गिरते ही सभी लोग मलबे में दब गए
रेस्क्यू और इलाज
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। सभी घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
- डॉक्टरों ने 3 लोगों को मृत घोषित कर दिया
- 2 लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है
मृतकों की पहचान
इस हादसे में जिन तीन लोगों की मौत हुई, उनके नाम निम्न हैं:
- जावेद पुत्र रहमान (उम्र 32 वर्ष)
- इजरायल पुत्र सलीम पहलवान (उम्र 40 वर्ष)
- मफरत पुत्र मोहसिन खान अहमद (उम्र 35 वर्ष)
घायलों में शामिल हैं:
- माहिर पुत्र सलीम खान (उम्र 20 वर्ष)
- महेंद्र सिंह, मकान मालिक
क्या थी हादसे की वजह?
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दीवार की हालत पहले से ही जर्जर थी। भारी बारिश और तेज आंधी ने दीवार को कमजोर कर दिया, जिसके चलते यह अचानक गिर गई।
- संभावित कारण:
- पुराना निर्माण
- मरम्मत की कमी
- मौसम की मार
प्रशासन की भूमिका और ज़िम्मेदारी
इस घटना ने प्रशासन की सतर्कता और नगर निगम की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मानसून से पहले जर्जर मकानों की जांच और मरम्मत अनिवार्य होनी चाहिए थी।
जरूरत है कि:
- प्रशासन जर्जर मकानों की सूची जारी करे
- निवासियों को समय पर सूचित किया जाए
- नियमित निगरानी अभियान चलाए जाएं
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ग्वालियर का यह हादसा एक चेतावनी है कि पुराने मकानों की समय पर मरम्मत और सुरक्षित रहने की जागरूकता कितनी जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में तत्परता दिखाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।