ग्वालियर शहर, जिसे हाल ही में स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला था, प्री-मानसून की पहली ही बारिश में बदहाल हो गया। रविवार रात की बारिश ने शहर की जल निकासी, सड़क निर्माण और बिजली आपूर्ति जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।
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📉 6.50 करोड़ की तानसेन रोड बह गई पानी में
- स्मार्ट रोड का दावा: ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने पड़ाव से हजीरा तक 6.50 करोड़ की लागत से स्मार्ट रोड बनाई थी।
- निकासी की चूक: रोड पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण भारी पानी जमा हो गया।
- JCB बुलानी पड़ी: गुजराती मोहल्ले के पास जेसीबी से सड़क खुदवाकर पानी निकाला गया।
⚡ बिजली व्यवस्था भी हुई ठप, 13 घंटे तक अंधेरा
- अस्पताल भी प्रभावित: जेएएच अस्पताल में रात 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक बिजली नहीं रही, 10 ऑपरेशन टालने पड़े।
- 33 केवी लाइन में फॉल्ट: न्यू जयारोग्य अस्पताल में लाइन फॉल्ट से बिजली गुल रही।
- 2683+ शिकायतें: रविवार को बिजली कटौती की 2683 शिकायतें कॉल सेंटर में दर्ज की गईं।
🚧 कॉलोनियों और मुख्य मार्गों की हालत
प्रमुख प्रभावित स्थान:
- सिथौली रेल अंडरपुल: अधिकारियों को दोपहर तक जानकारी ही नहीं थी कि पुल के नीचे पानी भर चुका है।
- पड़ाव ओवरब्रिज: स्मार्ट सिटी के तहत बनाए गए इस ओवरब्रिज पर जल निकासी न होने से पानी भर गया।
- बसंत विहार कॉलोनी: पिछली बारिश के बाद चेंबर बने, लेकिन सफाई न होने से जलभराव हुआ।
- प्रगति विहार कॉलोनी: सीवर लाइन की शिकायतें अनसुलझी, नागरिकों को हो रही परेशानी।
- मोती तबेला रोड: डिवाइडर के नीचे निकासी के होल बंद थे, खुदाई कर निकाला गया पानी।
🌪️ आंधी से पेड़ उखड़े, सड़कें जाम
रविवार रात की तेज आंधी में न्यू हाईकोर्ट तिराहा, मोती तबेला और अन्य स्थानों पर पेड़ गिर गए, जिससे ट्रैफिक बाधित हुआ।
📌 बिजली कटौती वाले इलाके
- 7 ज़ोन प्रभावित: विनयनगर, थाटीपुर, डीडी नगर, सिकंदर कंपू, गोल पहाड़िया और अन्य इलाकों में पूरी रात बिजली नहीं रही।
- 33 केवी लाइनों में फॉल्ट: जेसी मिल और सिटी फीडर में खराबी के कारण बड़े हिस्से में अंधेरा छाया रहा।
📞 बिजली विभाग और प्रशासन का गैर-जिम्मेदार रवैया
- कोई रिस्पॉन्स नहीं: अस्पताल और नागरिकों की कई कॉल के बावजूद बिजली कंपनी के अधिकारी नहीं पहुंचे।
- ऊर्जा मंत्री को शिकायत: अंत में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से शिकायत करने पर बिजली बहाल हुई।
ग्वालियर में प्री-मानसून की हल्की बारिश ने स्मार्ट सिटी के दावों की हकीकत उजागर कर दी है। करोड़ों की लागत से बनी सड़कें और बिजली व्यवस्थाएं धराशायी हो गईं, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।