ग्वालियर शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि पिछले दो सालों में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है।
दो साल बाद मिलने जा रहा अनुदान
ग्वालियर को पिछले दो वर्षों से NCAP के तहत कोई ग्रांट नहीं मिली थी। अब संभावना है कि नवंबर तक केंद्र सरकार से 22 से 25 करोड़ रुपए का अनुदान जारी होगा। इस ग्रांट से शहर की वायु गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए जाएंगे।
वायु गुणवत्ता में आई बड़ी सुधार
- अच्छे दिनों की संख्या: पिछले दो साल में 64 दिन “गुड डेज़” रहे।
- पीएम-10 का स्तर घटा: पीएम-10 का औसत स्तर घटकर 126 पर आ गया है।
- 100% सुधार का दावा: निगमायुक्त संघप्रिय के अनुसार, बीते वर्ष में वायु गुणवत्ता में 100% सुधार देखने को मिला।
अनुदान से क्या बदलेगा
अनुदान जारी होने के बाद नगर निगम कई अहम कदम उठाएगा:
- आधुनिक रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदी जाएंगी।
- वाटर फॉग मशीनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- शहर में ग्रीन स्पेस विकसित किए जाएंगे।
- सड़कों को डस्ट-फ्री बनाने पर जोर दिया जाएगा।
किन उपायों से मिली सफलता
ग्वालियर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए अब तक कई कारगर कदम उठाए गए:
- गर्मी के दिनों में वाटर फॉगिंग से डस्ट कंट्रोल किया गया।
- रोड स्वीपिंग मशीनों से डिवाइडरों और सड़कों की सफाई हुई।
- पेवर्स ब्लॉक बिछाकर धूल उड़ने से रोकी गई।
- टूटी-फूटी सड़कों की मरम्मत से उड़ती धूल में कमी आई।
- कचरा जलाने पर रोक लगाई गई।
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अगर प्रस्तावित 25 करोड़ का अनुदान समय पर मिल जाता है, तो ग्वालियर की वायु गुणवत्ता में और तेजी से सुधार देखने को मिलेगा। आने वाले सालों में शहर को स्वच्छ हवा और स्वस्थ वातावरण देने की दिशा में बड़ी उम्मीदें हैं।