ऐतिहासिक यात्रा का हुआ भव्य स्वागत
बेमेतरा। सिख समाज के नौवें गुरु धन-धन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी शताब्दी दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक यात्रा का बेमेतरा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा असम के धुबरी जिले स्थित श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पावन गुरुद्वारा से प्रारंभ होकर शनिवार को बेमेतरा पहुंची, जहां सिख समाज द्वारा सिग्नल चौक पर श्रद्धा और उत्साह के साथ स्वागत किया गया।
गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान से जुड़ा गौरवशाली इतिहास
सिख धर्म के नवम गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कश्मीरी पंडितों की गुहार और धर्म की रक्षा के लिए मुगल बादशाह औरंगज़ेब की जुल्मी नीतियों का विरोध किया।
गुरु तेग बहादुर जी को उनके तीन साथियों — भाई सतीदास, भाई मतिदास और भाई दयाला जी — सहित दिल्ली के चांदनी चौक में बंदी बनाकर शहीद कर दिया गया। उनका यह बलिदान आज भी धर्म, न्याय और मानवता की रक्षा का प्रतीक माना जाता है।
सभी समुदायों ने दिया एकता और भाईचारे का संदेश
कार्यक्रम में न केवल सिख समाज के लोग बल्कि अन्य समुदायों के नागरिक भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सिग्नल चौक पर सभी ने संगत का स्वागत कर आपसी सौहार्द, एकता और भाईचारे का सुंदर संदेश दिया। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने गुरु तेग बहादुर जी के अमर उपदेशों को याद करते हुए समाज में धर्म और मानवता की रक्षा के संकल्प को दोहराया।