प्राचीन गुरु-शिष्य परंपरा के सजीव रूप को साक्षात करता सेवा भारती विद्यालय का कार्यक्रम
10 जुलाई 2025 | सेवा भारती, प्राण बलदेव भंडारी सेवा विद्या मंदिर
सेवा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था सेवा भारती द्वारा संचालित प्राण बलदेव भंडारी सेवा विद्या मंदिर में इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा पर्व तथा नव प्रवेशित नौनिहालों के विद्यारंभ संस्कार का भव्य आयोजन पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
हवन पूजन और ‘ॐ’ लेखन से किया गया विद्यारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत हवन पूजन से हुई, जिसके पश्चात कक्षा नर्सरी, K.G-1, और K.G-2 में नव प्रवेशित बच्चों ने अपनी पहली शिक्षा यात्रा की शुरुआत की। बच्चों ने स्लेट पर ‘ॐ’ और ‘श्री’ लिखकर विद्या आरंभ संस्कार पूर्ण किया, जो भारतीय परंपरा में ज्ञान प्राप्ति का शुभ प्रतीक माना जाता है।
गुरु-शिष्य परंपरा पर हुआ सारगर्भित संवाद
विद्यालय के प्राचार्य श्री पंकज चंदेले एवं दीपाली तिवारी जी ने गुरु पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे गुरु के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से शिष्य का जीवन संवरता है।
शिक्षकों का हुआ सम्मान समारोह
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को श्रीफल और कलम भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके सेवा कार्य और शिक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा।
समिति सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में सेवा भारती समिति की ओर से दीपाली तिवारी दीदी, कारण जी भाईसाहब एवं रवि जी भाईसाहब की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।
प्रसाद वितरण के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और अतिथियों ने भाग लिया और इस पावन पर्व की अनुभूति को आत्मसात किया।





