गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ ने लोगों का जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अहमदाबाद से लेकर वडोदरा तक और कच्छ से लेकर द्वारका तक सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं। अगर बात करें वडोदरा की तो यहां बारिश और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है। यहां कई रिहायशी परिसरों में पानी भर गया है। इन सबके बीच राज्य में एक और आफत आ सकती है। कच्छ के ऊपर चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने लोगों को चक्रवाती तूफान से बचाने के निर्देश दिए हैं।
कच्छ में चक्रवात आने की संभावना
कच्छ जिले में चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटे में कच्छ में चक्रवात आने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय डीप डिप्रेशन के कमजोर होने की बजाय मजबूत होने की संभावना है। इसलिए अहमदाबाद समेत पूरे राज्य में तेज हवाएं चल सकती हैं। भारी बारिश और बाढ़ प्रभावित कच्छ में शुक्रवार (30 अगस्त) को बारिश की खबर है। मांडवी में 11 इंच से ज्यादा बारिश हुई, जिससे चारों तरफ जलभराव हो गया। मुंद्रा में भी करीब 6 इंच बारिश हुई।
सीएम का निर्देश
चक्रवात को कच्छ की ओर बढ़ते देख राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गुरुवार रात वडोदरा से गांधीनगर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर पहुंचे। उन्होंने कच्छ के जिला कलेक्टर द्वारा आगामी चक्रवात के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस आपदा से लोगों को बचाने के लिए जहां भी आवश्यक हो, वहां तत्काल प्रभाव से लोगों को निकालने के निर्देश दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में सीएम ने निर्देश दिए कि लोगों को निकालने के लिए पूरे प्रयास किए जाएं।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
आईएमडी ने कहा कि गुजरात को अभी बारिश से राहत नहीं मिलने वाली है। राज्य में अभी बारिश होगी। मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले दो से तीन दिन तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है। बारिश के कारण राज्य के 140 जलाशय, बांध और 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। भारी बारिश के कारण यातायात और ट्रेनों की आवाजाही भी बाधित हुई है। 206 बांधों में से 122 में जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण हाई अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को जलाशयों और नदियों से दूर रहने को कहा गया है।