BY: Yoganand Shrivastva
चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले ही साइबर ठग सक्रिय हो गए हैं, जो भोलेभाले श्रद्धालुओं को फर्जी वेबसाइटों और सोशल मीडिया के माध्यम से ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इन पर नकेल कसने के लिए उत्तराखंड STF ने विशेष टीम गठित कर दी है, जो साइबर फ्रॉड के इन मामलों की निगरानी करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
कैसे होता है फर्जीवाड़ा?
चार धाम यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु हेलीकॉप्टर, होटल, गेस्ट हाउस और टैक्सी बुकिंग के लिए इंटरनेट का सहारा लेते हैं। इसी का फायदा उठाकर ठग फर्जी वेबसाइट, सोशल मीडिया प्रोफाइल और वॉट्सएप नंबर बनाते हैं, जो वास्तविक दिखते हैं लेकिन झूठे होते हैं।
श्रद्धालु जब इन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए बुकिंग कराते हैं, तो उन्हें बाद में पता चलता है कि उनकी बुकिंग फर्जी थी। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता है और यात्रा में कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है।
STF की विशेष तैयारी
उत्तराखंड एसटीएफ ने इस तरह की ठगी रोकने के लिए एक विशेष टीम तैनात की है, जो इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रख रही है। टीम इन्हें बंद कराने के लिए कोर्ट से आदेश भी प्राप्त कर चुकी है।
मई-जून पर रहती है ठगों की नजर
एसटीएफ के मुताबिक, मई और जून में चार धाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इसी दौरान सबसे अधिक ठगी के मामले सामने आते हैं। ठगों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है और जिन लोगों से धोखाधड़ी हुई है, उनके लिए एफआईआर दर्ज की जा रही है।
साइबर ठग किस तरह के ऑफर देते हैं?
साइबर क्रिमिनल्स यात्रियों को आकर्षित करने के लिए निम्नलिखित सेवाओं का झांसा देते हैं:
- केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग
- गेस्ट हाउस, होटल और लॉज की एडवांस बुकिंग
- चार धाम यात्रा के लिए टैक्सी और ट्रैवल पैकेज
- वीआईपी दर्शन और रियायती दरों पर टिकट
कैसे रहें सुरक्षित?
- केवल सरकारी वेबसाइट से बुकिंग करें – उत्तराखंड पर्यटन विभाग या IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट ही भरोसेमंद हैं।
- वेबसाइट का URL चेक करें – URL हमेशा “https://” से शुरू होना चाहिए और डोमेन नाम सावधानी से जांचें।
- अंजान लिंक और कॉल से बचें – किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या वॉट्सएप लिंक पर क्लिक न करें।
- पेमेंट से पहले जांच-पड़ताल करें – ट्रैवल एजेंसी की वैधता की पुष्टि करें और सिर्फ सुरक्षित पेमेंट गेटवे (जैसे UPI, नेट बैंकिंग) का ही इस्तेमाल करें।
- OTP और बैंक विवरण साझा न करें – कोई भी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें।
- सोशल मीडिया से सतर्क रहें – फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सएप पर आने वाले विज्ञापन या बुकिंग ऑफर से पहले उनकी सच्चाई जरूर जांचें।
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