रिपोर्ट: दुष्येंद्र कुमार, प्रेमपाल सिंह, निजाम अली, एडिट- विजय नंदन
लखनऊ: 26 सितंबर को बरेली में “आई लव मोहम्मद” को लेकर जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने मुसलमानों से अपील की थी कि वे जुमे की नमाज पढ़कर सीधे अपने घर लौट जाएँ, चौराहों और चौकों पर भीड़ का हिस्सा न बनें और किसी धरना या प्रदर्शन के लिए बुलावे पर न जाएँ।
मौलाना ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद से प्रेम करना हमारे ईमान का हिस्सा है, लेकिन उनकी शिक्षाओं पर अमल करना ही सच्ची मुहब्बत का प्रमाण है। उन्होंने इमामों से अपील की कि वे राजनीतिक प्रभाव से दूर रहें और शांति बनाए रखें। बरेली हिंसा की घटना के बाद, बरेली, फर्रुखाबाद, पीलीभीत और घुंघचाई समेत पूरे उत्तर प्रदेश में प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा।

फ़िरोज़ाबाद: जुमे की नमाज से पहले सीओ सिटी अरुण कुमार चौरसिया ने पुलिस बल के साथ शहर के संवेदनशील चौराहों पर पैदल मार्च किया और ड्रोन से सुरक्षा का जायजा लिया। सीओ ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी व्यक्ति शांति भंग करने की कोशिश करेगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीलीभीत: इसी तरह जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने शहर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था लागू की। जामा मस्जिद और आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया और अधिकारियों ने चप्पे-चप्पे पर दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि माहौल खराब करने वालों के खिलाफ कोई बख्शीश नहीं होगी।
घुंघचाई थाना क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन ने मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील गांवों में फ्लैग मार्च निकाला। अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सतर्क रहने की अपील की।
फर्रुखाबाद: डीएम और एसपी ने लालगेट से बीबीगंज पुलिस चौकी तक शहरी क्षेत्र में फ्लैग मार्च कर मस्जिदों का निरीक्षण किया। यह कदम बरेली में हुई हिंसा के बाद सुरक्षा सुनिश्चित करने और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ाने के लिए उठाया गया। पूरे राज्य में प्रशासन के हाई अलर्ट रहने और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण जुमे की नमाज के दौरान कोई अप्रिय घटना होने की खबर सामने नहीं आई है।