फ्रांस ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इजरायल को बड़ा कूटनीतिक झटका दिया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की है कि उनका देश अब फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा। यह निर्णय मध्य पूर्व की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है, खासकर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लंबे इतिहास के संदर्भ में।
राष्ट्रपति मैक्रों का बड़ा ऐलान
गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने निर्णय की घोषणा करते हुए लिखा:
Consistent with its historic commitment to a just and lasting peace in the Middle East, I have decided that France will recognize the State of Palestine.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) July 24, 2025
I will make this solemn announcement before the United Nations General Assembly this coming September.… pic.twitter.com/VTSVGVH41I
“मध्य पूर्व में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की दिशा में हमारी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता के तहत, मैंने तय किया है कि फ्रांस फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देगा। मैं इस सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह ऐलान करूंगा। फिलहाल प्राथमिकता गाजा में युद्ध को समाप्त करना और नागरिकों को राहत पहुंचाना है।”
इस बयान के साथ ही मैक्रों के रवैये में बदलाव साफ नजर आता है, जो पहले इजरायल का समर्थन कर रहे थे।
गाजा युद्ध पर भी चिंता जताई
राष्ट्रपति मैक्रों ने गाजा में चल रहे युद्ध को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस समय जरूरत है कि युद्ध बंद हो और आम नागरिकों को राहत दी जाए। फ्रांस का यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ा सकता है कि वे भी फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता दें।
क्या है इस फैसले का ऐतिहासिक संदर्भ?
- 7 अक्टूबर 2023 को, हमास ने इजरायल में घुसपैठ कर कई लोगों की हत्या कर दी थी। इसके बाद इजरायल ने गाजा पर सैन्य कार्रवाई शुरू की जो अभी भी जारी है।
- हमास-शासित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में अब तक 50,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
- पहले राष्ट्रपति मैक्रों इजरायल के समर्थन में थे और यहूदी-विरोधी भावनाओं की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन हालिया युद्ध ने उनके नजरिए को बदल दिया।
फ्रांस का फैसला क्यों है अहम?
- यह कदम इजरायल पर वैश्विक दबाव बढ़ा सकता है, विशेषकर गाजा में युद्ध के चलते।
- फ्रांस जैसा प्रभावशाली देश जब फिलिस्तीन को मान्यता देता है, तो यह अन्य देशों को भी प्रेरित कर सकता है।
- यह फैसला संयुक्त राष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण को जन्म दे सकता है।
फ्रांस का यह निर्णय न केवल एक कूटनीतिक कदम है, बल्कि मध्य पूर्व में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक उम्मीद भी है। राष्ट्रपति मैक्रों की यह घोषणा वैश्विक मंच पर फिलिस्तीन के समर्थन में बड़ी आवाज बन सकती है।