रिपोर्टर – भूपेन्द्र गबेल
छत्तीसगढ़ के पुसौर विकासखंड के तटवर्ती गांव सिंगपुरी और चंघोरी में गुरुवार को बाढ़ आपदा से निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान महानदी में फंसे हुए लोगों को बचाने का अभ्यास किया गया।
तत्काल राहत और बचाव
मॉक ड्रिल के दौरान यह दिखाया गया कि अगर किसी स्थान पर लोग बाढ़ के कारण फंस जाएँ, तो राहत और बचाव टीम कैसे तुरंत पहुंचती है। मोटरबोट की मदद से DDRF के तैराकों ने फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। साथ ही मेडिकल टीम को तैनात रखकर किसी भी आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक उपचार प्रदान करने का अभ्यास भी किया गया।
अभ्यास का उद्देश्य
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य बाढ़ आपदा में तटवर्ती गांवों में आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल्स, जीवन रक्षक प्रक्रियाओं और राहत कार्यों की तैयारी को परखना था। इसमें शामिल गतिविधियाँ थीं:
- टापू में फंसे लोगों को मोटरबोट से सुरक्षित निकालना
- डूबते लोगों को बचाना
- मेडिकल इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार देना
- निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार जीवन रक्षक प्रक्रियाओं का पालन
संयुक्त तत्वाधान में आयोजन
यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्राधिकरण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
कलेक्टर का मार्गदर्शन
पुसौर विकासखंड के कलेक्टर के मार्गदर्शन में यह मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसका उद्देश्य ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों को आपदा प्रबंधन में सतर्क और तैयार रखना है।
इस मॉक ड्रिल से यह साबित हुआ कि यदि आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है, तो त्वरित और संगठित बचाव प्रयासों से जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।