जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने कई परिवारों की खुशियाँ छीन लीं। यात्रियों से भरा एक टेंपो ट्रैवलर मंगलवार सुबह अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 19 यात्री घायल बताए जा रहे हैं।
हादसे की प्रमुख बातें (Key Highlights)
- 📍 स्थान: डोडा जिले का पोंडा क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर
- 🕘 समय: मंगलवार सुबह (15 जुलाई 2025)
- 🚐 हादसा: यात्रियों से भरा टेंपो ट्रैवलर खाई में गिरा
- ☠️ मृतक संख्या: 5 लोगों की मौके पर ही मौत
- 🏥 घायल: 19 यात्री घायल, जिनमें कई गंभीर
- 👮 कार्रवाई: शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक हादसा सुबह के वक्त उस समय हुआ जब एक निजी टेंपो ट्रैवलर यात्रियों को लेकर पोंडा से गुजर रहा था। अचानक गाड़ी अनियंत्रित हो गई और सैकड़ों फीट गहरी खाई में जा गिरी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गाड़ी में 20 से अधिक यात्री सवार थे। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोगों ने पुलिस व रेस्क्यू टीम को सूचना दी।
मदद और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दुख जताते हुए कहा:
“डोडा से करीब 20-25 किलोमीटर दूर भारत गांव के पास यह दुखद दुर्घटना हुई है। सभी घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है। जिला प्रशासन हालात की निगरानी कर रहा है और मैं लगातार अपडेट ले रहा हूं।”
उपायुक्त और स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद हैं और घायलों को डोडा के अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।
पीड़ित परिवारों का हाल
मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतक सभी स्थानीय निवासी हैं, जो अपने दैनिक कार्यों के लिए यात्रा कर रहे थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवी टीमें रेस्क्यू में जुट गईं। घायलों को रस्सियों और स्ट्रेचर के जरिए खाई से बाहर निकाला गया और तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
ड्राइवर की लापरवाही या तकनीकी खराबी?
फिलहाल हादसे की वास्तविक वजह का पता नहीं चला है, लेकिन शुरुआती जांच में यह बात सामने आ रही है कि या तो वाहन की ब्रेक फेल हो गई या ड्राइवर ने तेज रफ्तार के कारण नियंत्रण खो दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
🔴 ऐसे हादसों से सबक – यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
डोडा जैसे पहाड़ी इलाकों में बार-बार इस तरह के हादसे सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि:
- वाहनों की नियमित जांच हो
- ड्राइवरों को पहाड़ी इलाकों में चलाने का अनुभव हो
- ओवरलोडिंग पर सख्त नियंत्रण किया जाए
निष्कर्ष
डोडा में हुआ यह हादसा एक बार फिर दिखाता है कि पहाड़ी इलाकों में यातायात कितना चुनौतीपूर्ण है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि सड़कों की स्थिति सुधारें और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करें, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।





