BY: Yoganand Shrivastava
नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप लगाने के बाद, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीखा जवाब देते हुए इसे हार की बचाव नीति करार दिया। प्रधान ने कांग्रेस के इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि “धांधली में असल माहिर तो कांग्रेस ही रही है।”
धर्मेंद्र प्रधान का तीखा जवाब
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट को टैग करते हुए लिखा:
“यह राहुल गांधी की पुरानी आदत है – चुनाव हारो, संस्थानों पर सवाल उठाओ, और खुद को पीड़ित बताओ। भारत का लोकतंत्र इतनी कमजोर नहीं कि एक खानदानी नेता की हताशा उसे डिगा सके।“
उन्होंने आगे कहा कि यदि राहुल गांधी को चुनावी गड़बड़ियों की इतनी चिंता है, तो उन्हें अपनी पार्टी के दशकों पुराने कारनामों को देखना चाहिए – आपातकाल, अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग, और विपक्षी सरकारों को गिराना।
‘मैच फिक्सिंग’ पर भी कटाक्ष
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के “मैच फिक्सिंग” वाले बयान पर तंज कसते हुए लिखा:
“मैच फिक्सिंग तब नहीं होती जब आप हारते हैं, वो तब होती है जब आप अंपायर को बदनाम करते हैं क्योंकि जनता ने आपको नकार दिया।“
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि चुनाव आयोग की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने ही विपक्ष के नेता को चयन समिति में शामिल किया, जबकि कांग्रेस के शासन में ऐसा कभी नहीं हुआ था।
राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए थे?
राहुल गांधी ने एक विस्तृत पोस्ट में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को “धांधली का ब्लूप्रिंट” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पांच चरणों में गड़बड़ी की:
- चुनाव आयोग की नियुक्ति में हस्तक्षेप
- फर्जी वोटरों का नाम जोड़ना
- वोटर टर्नआउट बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना
- सटीक सीटों पर फर्जी वोटिंग कराना
- गड़बड़ियों के सबूत छुपाना
राहुल गांधी ने लिखा कि यह प्रक्रिया केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि अब बिहार और अन्य राज्यों तक फैलेगी। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए “जहर” बताया और सभी नागरिकों से जवाब मांगने की अपील की।
विवाद की जड़ क्या है?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर चुनावों में सुनियोजित धांधली का आरोप लगाया। उन्होंने बीजेपी पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया, वहीं धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार करते हुए इसे एक राजनीतिक नाटक बताया और कांग्रेस की ऐतिहासिक गलतियों का हवाला दिया।