Report: Pratap Bhagel
जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव ने बुधवार सुबह जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का समय सुबह 10:17 बजे का था, लेकिन इस दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्वयं डीईओ आर.के. सक्सेना अपनी कुर्सी से गायब पाए गए। उनके अलावा एडीपीसी, योजना अधिकारी, क्रीड़ा अधिकारी, सांख्यिकी अधिकारी समेत लगभग एक दर्जन कर्मचारी ड्यूटी से अनुपस्थित थे।
सीईओ ने कार्यालय में लगी खाली कुर्सियों को देखकर नाराजगी जताई और तुरंत हाजिरी रजिस्टर मंगवाकर कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की। जांच में कुल बारह अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले। इसके बाद सीईओ ने सभी अनुपस्थितों को नोटिस जारी करते हुए दो दिन में जवाब देने के आदेश दिए और स्पष्ट कर दिया कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर वेतन कटौती की कार्रवाई की जाएगी। लगभग 20 मिनट तक चले निरीक्षण के बाद सीईओ अन्य कामों के लिए कार्यालय से रवाना हुए।
लोगों में उठ रहे सवाल – क्या यह कार्रवाई भी सिर्फ दिखावा?
सीईओ के इस औचक निरीक्षण को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पिछली बार भी नवंबर महीने में जिला पंचायत कार्यालय का इसी तरह निरीक्षण किया गया था, जहां कई कर्मचारी अनुपस्थित मिले थे। सीईओ ने उस समय भी नोटिस जारी किए थे, लेकिन बाद में कर्मचारियों के स्पष्टीकरण को मानते हुए सिर्फ सीएल काटकर मामला खत्म कर दिया गया था। यहां तक कि दो कर्मचारियों को तो मौखिक गुडविल पर छोड़ दिया गया था। ऐसे में लोग आशंका जता रहे हैं कि इस बार भी कड़ी कार्रवाई की जगह केवल औपचारिकता निभाकर मामला ठंडे बस्ते में न डाल दिया जाए। जनता का कहना है कि यदि अनुपस्थित अधिकारियों पर वास्तविक कार्रवाई नहीं हुई, तो यह निरीक्षण भी मात्र दिखावा साबित होगा।





