रिपोर्टरः हिमांशु पटेल
राजधानी रायपुर में एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही का भयावह नतीजा सामने आया है। स्मार्ट सिटी के दावे करने वाले अफसरों की अनदेखी के चलते एक 6 वर्षीय मासूम की दर्दनाक मौत हो गई। मामला गुढ़ियारी स्थित पीएम आवास परिसर का है, जहां खुले सिवरेज गड्ढे के पास कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण मासूम की जान चली गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आक्रोश में आकर प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
गुढ़ियारी क्षेत्र के पीएम आवास परिसर में उस समय मातम पसर गया जब एक मासूम बच्चा खुले गड्ढे में गिर गया और उसकी मौत हो गई। इसी हादसे में एक अन्य बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया, जो अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। इस घटना ने पूरे मोहल्ले को झकझोर कर रख दिया है।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए मांग की कि मृतक दिव्यांशु के परिवार को ₹20 लाख का मुआवजा और घायल बच्चे के बेहतर इलाज के लिए ₹10 लाख की सहायता राशि दी जाए।
नगर निगम आयुक्त विश्वदीप ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि इस हादसे की जिम्मेदारी पीएम आवास निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार पर है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। साथ ही उन्होंने जांच कमेटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
राजधानी रायपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयासों के बीच ऐसी घटनाएं बार-बार सवाल खड़े करती हैं। यह कोई पहली घटना नहीं है जब लापरवाही के कारण किसी मासूम की जान गई हो। हर बार प्रशासन कार्रवाई का वादा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत वही रहती है।
इस बार भी एक मां अपने मासूम बेटे को खो बैठी है। मुआवजे की घोषणा भले ही हो गई हो, लेकिन सवाल यह है कि क्या प्रशासन की यह राहत उस टूटे हुए परिवार को फिर से संजीवनी दे पाएगी? जवाब अभी भी अधूरा है…
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