BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई | पड़ोसी देश नेपाल में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों और राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत के बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर नेपाल की स्थिति को भारत और महाराष्ट्र से जोड़ते हुए सत्ता पक्ष पर निशाना साधा। उनके बयान के बाद शिवसेना (शिंदे गुट) नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करेगा।
शिवसेना (शिंदे गुट) का आरोप है कि राउत का यह बयान युवाओं को भड़काने वाला है और इससे अराजकता फैलने का खतरा है। उनका कहना है कि राउत के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।
नेपाल हिंसा का जिक्र कर शिंदे गुट पर हमला
राउत ने एक्स पर लिखते हुए कहा था कि नेपाल में भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ युवाओं का आंदोलन सत्ता पक्ष के लिए चेतावनी है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भी भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के चलते जनता का गुस्सा भड़क सकता है।
राउत ने अपने पोस्ट में लिखा,
“जैसे ही मैंने कहा कि नेपाल के युवा भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ खड़े हुए हैं, महाराष्ट्र के शिंदे गुट ने मेरे खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी। आज ये लोग मेरे खिलाफ पुलिस कमिश्नर से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। भ्रष्टाचार से सत्ता हासिल कर लो, लेकिन जनता का गुस्सा नेपाल जैसा ही हाल कर देगा। यह डर अच्छा है। नेपाल के युवाओं ने भ्रष्ट नेताओं को सड़कों पर ला दिया। यही संदेश महाराष्ट्र को भी मिल रहा है। जय हिंद, जय महाराष्ट्र, भारत माता की जय।”
राउत का दोहराया बयान: “भारत और महाराष्ट्र में भी संभव है ऐसा”
अपने एक अन्य पोस्ट में राउत ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर भ्रष्टाचार और तानाशाही का माहौल बना रहा, तो नेपाल जैसी स्थिति भारत और महाराष्ट्र में भी पैदा हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि शिंदे गुट उनकी बातों से डरा हुआ है और इसी कारण शिकायत दर्ज करा रहा है।
शिवसेना (शिंदे गुट) का राउत पर हमला
शिवसेना (शिंदे गुट) नेताओं ने राउत पर आरोप लगाया कि वह युवाओं को भड़काकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि नेपाल के हालात को भारत और महाराष्ट्र से जोड़ना गैर-जिम्मेदाराना है।
प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 12:30 बजे मुंबई पुलिस मुख्यालय पहुंचकर राउत के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगा।
नेपाल का हालिया राजनीतिक संकट
बता दें कि नेपाल में बीते दिनों युवाओं के उग्र प्रदर्शनों के बाद राजनीतिक संकट गहरा गया था। देश में हिंसा बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों को इस्तीफा देना पड़ा। इन घटनाओं को लेकर भारत में भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।