जिलाध्यक्षों की ताकत बढ़ाने की योजना
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी देशभर में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहली बार सभी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक की। इस अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद रहे। बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्षों के अधिकार और शक्तियों को बढ़ाने के साथ-साथ जातिगत जनगणना को लेकर एक नया फॉर्मूला तैयार किया गया।
जातिगत जनगणना के सहारे मजबूत होगी कांग्रेस?
कांग्रेस पार्टी लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रही है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की थी। अब कांग्रेस ने इस दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए बूथ स्तर पर जातिगत जनगणना कराने की योजना बनाई है। इस रणनीति के जरिए कांग्रेस जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
कांग्रेस का ‘पावर फॉर्मूला’
बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्षों की भूमिका को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। इसके तहत:
दिल्ली में जिलाध्यक्षों की मीटिंग बुलाई गई थी।
बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल मौजूद थे।
जिलाध्यक्षों के अधिकारों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
टिकट वितरण और संगठन की नियुक्तियों में जिलाध्यक्षों की भागीदारी बढ़ेगी।
जिलाध्यक्षों को कार्यक्रम तय करने में अधिक महत्व दिया जाएगा।
बूथ स्तर पर जातिगत जनगणना कराने की रणनीति बनाई गई।
बीजेपी ने उठाए सवाल
कांग्रेस के इस कदम पर बीजेपी ने तीखा हमला बोला है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस जातिगत जनगणना के नाम पर समाज को बांटने की कोशिश कर रही है। बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सत्ता पाने के लिए जातीय समीकरणों का इस्तेमाल कर रही है, जिससे समाज में विभाजन की राजनीति को बढ़ावा मिलेगा।
आगे क्या?
अभी जिलाध्यक्षों को सशक्त करने के इस फॉर्मूले का अंतिम मसौदा तैयार किया जा रहा है। 9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग सकती है। तब यह स्पष्ट होगा कि जिलाध्यक्षों को कितनी नई शक्तियां दी जाएंगी और कांग्रेस इस जातिगत जनगणना से कितनी मजबूती हासिल कर पाएगी। भोपाल से आकाश सेन के साथ सुजीत लांजेवाल की रिपोर्ट स्वदेश न्यूज