चीन ने भारत में iPhone निर्माण में लगे 300 से अधिक इंजीनियर्स और टेक्नीशियनों को अचानक वापस बुला लिया है। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब Apple भारत में iPhone 17 का ट्रायल प्रोडक्शन शुरू करने जा रहा है। इस घटनाक्रम पर भारत सरकार ने स्थिति पर निगरानी रखते हुए स्पष्ट किया है कि Apple के पास प्रोडक्शन जारी रखने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।
क्या कहा भारत सरकार ने?
सरकारी सूत्रों के अनुसार:
- यह मामला Apple और Foxconn के बीच का है।
- सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है।
- Apple के पास उत्पादन प्रभावित किए बिना संचालन के लिए विकल्प मौजूद हैं।
चीन का कदम: भारत की मैन्युफैक्चरिंग पर असर डालने की कोशिश?
सूत्रों के मुताबिक, चीन ने रणनीतिक रूप से भारत की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रभावित करने के लिए यह आदेश जारी किया है। इससे पहले चीन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट्स की सप्लाई भी रोक दी थी।
“चीनी कर्मचारियों की संख्या 1% से भी कम है, लेकिन वे फैक्ट्री डिज़ाइन, ट्रेनिंग और क्वालिटी मैनेजमेंट में अहम भूमिका निभाते हैं,”— एक वरिष्ठ अधिकारी।
भारत में Apple का बढ़ता दबदबा
iPhone मैन्युफैक्चरिंग में भारत की भूमिका:
- Apple ने 4 साल पहले भारत में iPhone असेंबलिंग शुरू की थी।
- अब भारत, कंपनी के वैश्विक प्रोडक्शन का 20% हिस्सा बन चुका है।
- 2026 तक अमेरिका के लिए बनाए जाने वाले अधिकांश iPhones भारत में बनने की योजना है।
चीन की जगह भारत क्यों?
1. Supply Chain Diversification:
Apple चीन पर निर्भरता कम करना चाहता है।
- कारण: जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड विवाद, कोविड लॉकडाउन
- समाधान: भारत एक कम जोखिम वाला विकल्प बनकर उभरा है।
2. कम लागत में निर्माण:
- भारत में लेबर कॉस्ट चीन की तुलना में कम है।
- लोकल मैन्युफैक्चरिंग से इंपोर्ट टैक्स में बचत होती है।
3. सरकारी प्रोत्साहन:
- Make in India और PLI स्कीम जैसी योजनाएं विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करती हैं।
- Foxconn और Tata जैसी कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।
4. बढ़ता भारतीय बाजार:
- भारत दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता स्मार्टफोन मार्केट है।
- लोकल मैन्युफैक्चरिंग से Apple को बाजार हिस्सेदारी (अब 6-7%) बढ़ाने में मदद मिलती है।
5. बड़े स्तर पर एक्सपोर्ट:
- Apple भारत में बने 70% iPhone एक्सपोर्ट करता है।
- 2024 में iPhone एक्सपोर्ट का आंकड़ा 12.8 बिलियन डॉलर (₹1.09 लाख करोड़) तक पहुंच गया।
6. Skill और Infrastructure में सुधार:
- भारत में तकनीकी श्रमिकों की संख्या बढ़ रही है।
- Foxconn कर्नाटक में ₹23,139 करोड़ का नया प्लांट बना रहा है, जिससे उत्पादन और ट्रेनिंग में सुधार हो रहा है।
क्या चीन कर रहा है बदले की कार्रवाई?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम टिट-फॉर-टैट रणनीति हो सकता है।
चीन के कॉर्पोरेट कर्मचारियों को भारत में बिजनेस वीजा मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। संभव है कि चीन इसी के जवाब में यह निर्णय ले रहा हो।
क्या प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा?
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
- Apple के पास वैकल्पिक संसाधन मौजूद हैं।
- भारत सरकार और उद्योग जगत स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
- मध्य और दीर्घकालिक स्तर पर भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता मजबूत होती दिख रही है।





