चीन ने 6G नेटवर्क की टेस्टिंग में जबरदस्त उपलब्धि हासिल की है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी चाइना मोबाइल ने महज 1.4 सेकंड में 50GB की फाइल डाउनलोड करके इतिहास रच दिया। यह स्पीड मौजूदा 5G नेटवर्क से 14 गुना ज्यादा तेज है।
इस ट्रायल के बाद यह साफ हो गया है कि चीन 6G तकनीक में दुनियाभर के देशों से एक कदम आगे निकल चुका है।
6G स्पीड: इतनी तेज कि फिल्म डाउनलोड में लगेंगे सिर्फ 2 सेकंड
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना मोबाइल ने एक सीमित नेटवर्क एरिया में 6G नेटवर्क की टेस्टिंग की। इसमें:
- 50GB की फाइल सिर्फ 1.4 सेकंड में डाउनलोड हुई
- नेटवर्क स्पीड 280 Gbps तक पहुंची
- 2 घंटे की फिल्म को मात्र 2 सेकंड में डाउनलोड किया जा सकता है
अगर यह तकनीक आम उपभोक्ताओं तक पहुंचती है, तो डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
चीन क्यों बना 6G दौड़ का अगुवा?
- चीन की टेलिकॉम कंपनियां 6G पर भारी निवेश कर रही हैं।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, चाइना टेलिकॉम ने अब तक 6G रिसर्च पर 5.4 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं।
- चीन की मंशा है कि वह 6G लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बने।
यह टेक्नोलॉजिकल रेस सिर्फ स्पीड की नहीं, बल्कि भविष्य की डिजिटल ताकत को तय करने वाली हो सकती है।
भारत, अमेरिका और जापान की तैयारी कहां तक?
भारत:
- जियो और एयरटेल ने 5G रोलआउट कर दिया है।
- BSNL अभी 5G शुरू नहीं कर पाया है।
- स्वदेशी 6G नेटवर्क विकसित करने पर काम जारी है, लेकिन चीन से पीछे है।
अमेरिका और जापान:
- तेजी से 6G पर रिसर्च हो रही है।
- अमेरिका में कुछ प्राइवेट कंपनियां 6G टेस्टिंग शुरू कर चुकी हैं।
- जापान भी इस रेस में पीछे नहीं है और कई टेलिकॉम कंपनियां 6G डिवेलपमेंट में शामिल हैं।
कब तक आ सकता है 6G मोबाइल नेटवर्क?
विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक 6G नेटवर्क आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकता है।
हालांकि, इस पर निर्भर करता है कि कौन सा देश इसे पहले व्यावसायिक रूप से लॉन्च करता है।
क्या 6G भविष्य का इंटरनेट है?
चीन का यह 6G ट्रायल न केवल तकनीकी उन्नति की मिसाल है, बल्कि आने वाले वर्षों में हमारी डिजिटल लाइफ को पूरी तरह बदलने की चेतावनी भी है। जहां कुछ सेकंड में मूवी डाउनलोड करना आम बात होगी, वहीं रियल-टाइम एआई, मेटावर्स और अल्ट्रा-फास्ट कम्युनिकेशन जैसी चीजें नई हकीकत बनेंगी।
भारत समेत सभी देशों को इस तकनीकी रेस में खुद को साबित करना होगा।