धर्मांतरण सिंडिकेट का मास्टरमाइंड या राजनीतिक छल?
उत्तर प्रदेश में हाल ही में सामने आए धर्मांतरण रैकेट ने पूरे देश को चौंका दिया है। इस नेटवर्क का कथित मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा है, जिसने खुद को RSS से जुड़ा पदाधिकारी बताकर न केवल लोगों को भ्रमित किया, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले फर्जी लेटरहेड का भी इस्तेमाल किया।
अब, इस मामले में एटीएस, एसटीएफ और ईडी की जांच ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिनमें 500 करोड़ की विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जैसे संगीन आरोप शामिल हैं।
🕵️♂️ RSS का झूठा दावा और पीएम मोदी की तस्वीर का दुरुपयोग
- छंगुर बाबा “भारत प्रतिकार सेवा संघ” नामक संगठन का महासचिव (अवध) बनकर लोगों से मिलता था।
- इस संगठन का नाम ऐसा रखा गया ताकि वह RSS से जुड़ा प्रतीत हो।
- लेटरहेड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर अपनी पहचान को मजबूत दिखाने की कोशिश करता था।
- बताया गया कि इस संगठन को एक अन्य आरोपी ईदुल इस्लाम चला रहा था, जिसने नागपुर (जहां RSS मुख्यालय है) में एक फर्जी केंद्र भी खोला था।
👥 RSS अधिकारियों के नाम लेकर लोगों को गुमराह करना
- छंगुर बाबा और उसके गुर्गे RSS के बड़े पदाधिकारियों के नामों का बार-बार उल्लेख करते थे ताकि राजनीतिक और सामाजिक वैधता मिल सके।
- यह रणनीति खासकर स्थानीय प्रशासन और नेताओं को प्रभावित करने के लिए अपनाई गई थी।
- आरोपी कमजोर तबके की नाबालिग लड़कियों को धर्मांतरण के लिए निशाना बना रहे थे।
💣 500 करोड़ की फंडिंग और आतंकी ट्रेनिंग की साजिश
- ATS की रिपोर्ट के मुताबिक छंगुर बाबा विदेशी फंडिंग से आतंकी प्रशिक्षण शिविर स्थापित करने की साजिश में शामिल था।
- उसे खाड़ी देशों और संभवतः पाकिस्तान से 500 करोड़ से अधिक की फंडिंग मिली।
- ED (प्रवर्तन निदेशालय) इस फंडिंग की गहराई से जांच कर रहा है।
🏠 100 करोड़ की संपत्ति और जमीन पर अवैध कब्जा
- छंगुर बाबा के पास UP और महाराष्ट्र में 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पाई गई है।
- अधिकतर संपत्ति सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके बनाई गई है।
- जांच में यह भी सामने आया कि वह स्थानीय अधिकारियों से मिलीभगत कर गांव की सामुदायिक जमीन खरीदता था।
💸 मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी कंपनी से संबंध
- ED ने छंगुर बाबा के और उसके साथियों के 22 बैंक खातों की जांच में 60 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के प्रमाण पाए हैं।
- उसने मुंबई के ‘रनवाल ग्रीन्स’ नामक हाई-प्रोफाइल कॉम्प्लेक्स में एक संपत्ति संदिग्ध तरीके से खरीदी।
- छंगुर बाबा का नाम पनामा स्थित कंपनी “Logos Marine” से भी जुड़ा पाया गया है।
📌 जांच एजेंसियों का फोकस: देशद्रोह और धर्मांतरण की कड़ी
- STF, ATS और ED इस पूरे मामले की संयुक्त जांच कर रही हैं।
- एजेंसियों के अनुसार, यह नेटवर्क सिर्फ धर्मांतरण का नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बड़ी साजिश का भी हिस्सा हो सकता है।
- छंगुर बाबा के बेटे, बहू (नीतू उर्फ नसरीन), और अन्य सहयोगियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
📢 निष्कर्ष: नकली पहचान की आड़ में देशद्रोही एजेंडा
छंगुर बाबा के मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि नकली संगठनों और फर्जी पदों के जरिए किस तरह देश की धार्मिक-सामाजिक संरचना को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही हैं। पीएम मोदी की फोटो और RSS जैसे संगठनों का नाम लेकर लोगों की आस्था और भरोसे को तोड़ने का यह प्रयास गंभीर अपराध है, जिसकी जांच तेज़ी से चल रही है।
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🔑 महत्वपूर्ण बिंदु (Key Highlights):
- छंगुर बाबा ने खुद को RSS से जुड़ा बताकर लोगों को गुमराह किया।
- पीएम मोदी की फोटो वाला फर्जी लेटरहेड इस्तेमाल किया गया।
- 500 करोड़ की विदेशी फंडिंग मिली, आतंकी साजिश का शक।
- ED को 60 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले।
- मुंबई और पनामा तक फैला नेटवर्क।





