थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। कंबोडिया ने दावा किया है कि उसने थाईलैंड का एक एफ-16 फाइटर जेट मार गिराया है। इस दावे के साथ दोनों देशों के बीच जारी टकराव और भी गंभीर हो गया है।
थाईलैंड ने शुरू किया हवाई हमला

नोम पेन्ह पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड ने कंबोडिया पर 6 एफ-16 फाइटर जेट भेजकर जोरदार हमला किया।
इन लड़ाकू विमानों ने:
- ता मुएन थॉम मंदिर
- ता क्राबेई मंदिर
- मोम बेई इलाका
- प्रेह विहेयर मंदिर
के आसपास बमबारी की। इन क्षेत्रों को संघर्ष के मुख्य केंद्रों के रूप में चिन्हित किया गया है।
जवाबी कार्रवाई में कंबोडिया ने थाईलैंड के एक F-16 को मार गिराने का दावा किया है।
पीएम हुन मानेट का सख्त बयान: “अब हमारे पास सिर्फ जवाब है”
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा:
“हमने हमेशा शांति का रास्ता चुना, लेकिन अब हमारे पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।”
उन्होंने बताया कि थाईलैंड ने ‘चकपोंग फुवनात सैन्य रणनीति’ के तहत हमला शुरू किया और ओदार मीन्चे प्रांत की कंबोडियाई सेना की चौकियों पर बमबारी की।
सरकार की प्राथमिकता: संप्रभुता की रक्षा और नागरिकों की सुरक्षा
पीएम हुन मानेट ने बताया कि सरकार:
- राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा में पूरी ताकत झोंक रही है।
- युद्ध प्रभावित इलाकों में आम जनता को हर संभव सहायता दे रही है।
वहीं, सीनेट अध्यक्ष हुन सेन ने कहा कि थाई सेना ने 23 जुलाई को ता मुएन थॉम मंदिर को बंद करने का आदेश दिया था, जिसके अगले ही दिन हमले शुरू हो गए।
नागरिकों से अपील: घबराएं नहीं, सामान्य जीवन बनाए रखें
प्रधानमंत्री ने कंबोडिया की जनता से अपील की कि वे:
- घबराएं नहीं
- राशन जमा न करें
- कीमतें न बढ़ाएं
उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ ओदार मीन्चे और प्रेह विहेयर प्रांतों की सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण है, बाकी इलाकों में स्थिति सामान्य है।
फिर सक्रिय हुई 2008 की पुरानी सैन्य रणनीति
एक रिपोर्ट के अनुसार, थाई सेना ने चकपोंग फुवनात सैन्य रणनीति को फिर से लागू किया है। यह वही रणनीति है जो 2008-2011 के प्रेह विहेयर मंदिर विवाद में भी प्रयोग की गई थी।
थाईलैंड और कंबोडिया का यह टकराव केवल सीमा तक सीमित नहीं रह गया है, अब यह प्रतिष्ठा और संप्रभुता का मामला बन चुका है। एक ओर जहां कंबोडिया ने फाइटर जेट गिराने का साहसिक दावा किया है, वहीं थाईलैंड अपनी रणनीति पर अड़ा हुआ है। आने वाले दिनों में यह विवाद और विकराल रूप ले सकता है।