उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांप्रदायिक नागरिक संहिता वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए संविधान के हिसाब से धर्मनिरपेक्षता का पालन करना चाहिए यही सच्ची देश भक्ति और राजधर्म हैं। इन सबके साथ ही पूर्व सीएम की ओर से देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
मायावती ने केंद्र सरकार को पढ़ाया धर्मनिरपेक्षता का पाठ
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने अधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट किया और लिखा, पीएम द्वारा कल 15 अगस्त को लाल किले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ‘कम्युनल’ कहना क्या उचित? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म।
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवासौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ‘अच्छे दिन’ कब आयेंगे?
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी साध चुकी हैं निशाना
बता दें कि इससे पहले BSP सुप्रीमो की ओर से एक दिन पहले यानी 15 अगस्त के मौके पर भी केंद्र और यूपी की योगी सरकार को घेरने को कोशिश की गई थी। उन्होंने 15 अगस्त को एक्स पर लिखा, 78वें स्वतंत्रता दिवस की देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों व उनके परिवार वालों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आज का दिन देश के लगभग 140 करोड़ गरीब मेहनतकश बहुजनों के लिए तभी विशेष होगा जब वे दरिद्रता से मुक्त अपना व अपने परिवार का जीवन खुश व खुशहाल पाएंगे।
आगे लिखा था, यह तभी संभव है जब केन्द्र व यूपी सरकार की सोच ‘हर हाथ को काम देने वाली’ सही संवैधानिक व सच्ची अम्बेडकरवादी होगी जैसा कि यूपी में चार बार रही बीएसपी की सरकार द्वारा कल्याणकारी राज्य के मिसाल के रूप में कार्य करके दिखाया गया। सरकार भावनात्मक मुद्दों के जरिए जनता का ध्यान न भटकाए।