रिपोर्टर – रतन कुमार मंडल
विवाद का कारण
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की बोकारो जिला इकाई में हाल ही में घोषित जिलास्तरीय और महानगर कमिटी की नई पदाधिकारियों की सूची ने पुराने और सक्रिय कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष जगा दिया है।
बहुत से ऐसे नेताओं का नाम सूची में नहीं होने से वे उपेक्षित और सम्मानहीन महसूस कर रहे हैं, जिनका पार्टी के लिए वर्षों से योगदान रहा है।
प्रमुख आरोप
- «समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा»: कई नेताओं का आरोप है कि पार्टी को तन-मन से स्तब्ध करने वाले पुराने कार्यकर्ताओं को कारणहीन हटाया गया है।
- «निष्क्रिय पदाधिकारियों को बढ़ावा»: कुछ नए पदाधिकारी सक्रिय नहीं हैं, फिर भी उन्हें स्थान मिल गया; जिससे लोगों में आक्रोश और असहजता है।
- «कमीटी पर कब्ज़ा»: आरोप है कि कुछ नेताओं ने अपने वर्चस्व का इस्तेमाल पार्टी पर नियंत्रण के लिए किया।
शिकायत और आंदोलन की पेशकश
गुरुवार को कई पुराने कार्यकर्ताओं ने पूर्व जिलाध्यक्ष व केंद्रीय समिति सदस्य हीरालाल मांझी तथा अशोक मुर्मू से मुलाक़ात कर उन्हें मांग पत्र सौंपा।
उनकी मांग:
- सूची को फिर से समीक्षा करके पुराने कार्यकर्ताओं को पुनः शामिल किया जाए।
- यह मुद्दा तुरंत मुख्यमंत्री और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तक पहुंचाया जाए।
शिकायत में चेतावनी भी दी गयी:
“अगर हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो हम आंदोलन और सड़क बंद जैसे कदम उठाने को बाध्य होंगे।”
प्रतिक्रिया और आगे की राह
- मामला अब पार्टी के संगठनात्मक एकता और निर्णय प्रक्रिया को चुनौती दे रहा है।
- पुरानी व स्थानीय निष्ठा एवं निष्पक्षता का सम्मान बनाए रखना अब शिविर के लिए प्रमुख चुनौती बन गया है।
- यदि श्रेणीबद्ध शिकायत पर शीघ्र संज्ञान और समाधान नहीं होता, तो धरना-प्रदर्शन या आंदोलन की संभावनाएं स्पष्ट हैं।