जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा बदलाव किया है। शीर्ष नेतृत्व ने सत शर्मा को जम्मू-कश्मीर भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। जबकि डॉ. निर्मल सिंह को प्रदेश चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष, सुखनंदन चौधरी को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता कविंदर गुप्ता को राज्य चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनाया है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद विधानसभा चुनाव हो रहा है। घाटी में तीन चरणों में चुनाव होने वाला है जो इस प्रकार है-
18 सिंतबर को पहले चरण का चुनाव
25 सितंबर को दूसरे चरण का चुनाव
1 अक्टूबर को तीसरे चरण का चुनाव
नतीजे- 8 अक्टूबर
जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 74 सामान्य, एससी-7 और एसटी-9 हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 44.46 लाख पुरुष, 42.62 लाख महिलाएं, 3.71 लाख पहली बार मतदाता और 20.7 लाख युवा मतदाता हैं।
30 सितंबर 2024 से पहले कराने थे चुनाव
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएं जाने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी और कहा गया था कि जल्द से जल्द यहां चुनाव हो। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला चुनाते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि वो 30 सितंबर 2024 के पहले यहां चुनाव कराएं। इसी को देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग की ओर से इलेक्शन को लेकर घोषणा की गई है।
साल 2014 के क्या रहे नतीजे?
जम्मू कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। तब राज्य में 87 विधानसभा सीटें थीं। साल 2014 की परिणाम की बात करें तो बीजेपी ने 25, महबूबी मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 15 तो कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि अन्य के खाते में 7 सीटें गईं थी। हालांकि, मौजूदा समय में घाटी की तस्वीर बदल चुकी है। यहां परिसीमन के बाद सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है। मौजूदा समय में 114 विधानसभा की सीटें हैं लेकिन 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में है जिस पर पाकिस्तान का कब्जा है। इस तरह वर्तमान समय में जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 सीटें हैं। कुल मिला दे तो इनकी संख्या 90 हो जाती है। लद्दाख को इन्हीं में शामिल कर दिया गया है। साल 2014 के समय में जम्मू में 37 और कश्मीर घाटी में 46 और लद्दाख में 6 सीटें थीं। लेकिन 370 खत्म करने के बाद लद्दाख को जम्मू कश्मीर में ही मिला दिया गया था।