BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल: मेट्रो के प्रायोरिटी मार्ग को कमिश्नर मेट्रो रेल सुरक्षा से अनुमति मिल गई है। अनुमति मिलते ही उद्घाटन की तैयारियां तेज हो गई हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि शहर के इस हिस्से में बने आठों स्टेशन पर पार्किंग की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। यात्रियों को मजबूरन अपनी गाड़ियाँ मेट्रो परिसर से बाहर ही कहीं खड़ी करनी पड़ेंगी।
6.22 किलोमीटर का प्रायोरिटी मार्ग
ऑरेंज लाइन का यह प्राथमिक खंड 6.22 किलोमीटर लंबा है, जिसमें आठ स्टेशन शामिल हैं—
सुभाष नगर, केंद्रीय विद्यालय, डीबी मॉल, एमपी नगर, रानी कमलापति, डीआरएम तिराहा, अलकापुरी और एम्स। इनमें से एक भी स्टेशन पर वाहनों की पार्किंग नहीं बनाई गई है, जिससे यात्रियों को रोजाना काफी असुविधा झेलनी पड़ सकती है।
पिक-ड्रॉप की ही सुविधा
सूत्रों के अनुसार, स्टेशनों के नीचे दुकानें और अन्य वाणिज्यिक स्थान विकसित किए जाएंगे। इसी कारण पार्किंग स्थान छोड़ने की संभावना नहीं है। यात्रियों के लिए केवल उतारने और चढ़ाने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि विकल्प ढूंढ़े जा रहे हैं ताकि आगे चलकर यात्रियों को दिक्कत न झेलनी पड़े।
13 दिसंबर को उद्घाटन की संभावना कम
हालाँकि मेट्रो को औपचारिक अनुमति मिल चुकी है, लेकिन अभी तक उद्घाटन की तारीख तय नहीं की गई है।
सरकार ने दिसंबर में उद्घाटन का संकेत दिया है पर समय बहुत कम होने से 13 दिसंबर की तारीख का अनुमान कमजोर माना जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन वर्चुअल तरीके से किए जाने की भी चर्चा है, जैसा कि इंदौर मेट्रो में किया गया था।
स्टेशनों पर तैयारियों की स्थिति
• एस्केलेटर का काम पूरा कर लिया गया है
• लिफ्टों की जाँच अंतिम चरण में है
• रानी कमलापति और एमपी नगर स्टेशन लगभग तैयार हैं
टिकट व्यवस्था फिलहाल मैन्युअल
मेट्रो संचालन के दौरान टिकट वितरण अभी हाथ से किया जाएगा।
टिकट प्रणाली संभालने वाली विदेशी कंपनी का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। नई एजेंसी के आने तक टिकट हाथ से दिए जाएंगे। इंदौर मेट्रो में भी यही व्यवस्था लागू है।
सीएमआरएस ने तीन बार निरीक्षण किया
सीएमआरएस दल ने नवंबर में तीन दिन तक भोपाल मेट्रो के डिपो, ट्रैक, कोच और सभी तकनीकी प्रणालियों का निरीक्षण किया था। अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन संचालन के लिए आवश्यक सभी तकनीकी कार्य पूरे हो चुके हैं। कुछ स्टेशन संबंधी काम बाकी हैं, लेकिन वे संचालन में बाधा नहीं बनेंगे।
आगे की योजना
पहले चरण के पूरा होने के बाद—
• ऑरेंज लाइन का अगला खंड सुभाष नगर से करोंद तक तेजी से विकसित किया जाएगा
• ब्लू लाइन का भदभदा से रत्नागिरी वाला भाग भी तेज गति से तैयार किया जाएगा
सीएमआरएस की भूमिका
मेट्रो संचालन शुरू करने से पहले सुरक्षा के सभी पहलुओं को अंतिम स्वीकृति देना सीएमआरएस का दायित्व होता है।
उनकी रिपोर्ट के बाद ही किसी मेट्रो सेवा को यात्रियों के लिए शुरू किया जाता है।सरकार का प्रारंभिक लक्ष्य अक्टूबर था, लेकिन कई निरीक्षणों के बाद अब उम्मीद है कि मेट्रो बहुत जल्द आम यात्रियों के लिए खुल जाएगी।





