BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल के हमीदिया अस्पताल से सामने आया एक विडियो न सिर्फ अस्पताल की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि वहां मौजूद व्यवस्थागत खामियों की भी पोल खोलता है। वीडियो में देखा गया कि एक हृदय रोगी को उसका परिजन अकेले स्ट्रेचर पर धकेलते हुए पुरानी कैथलैब से लेकर नए भवन की 11वीं मंजिल तक ले जा रहा है।
ढलान पर बिगड़ा संतुलन, समय रहते बचा मरीज
यह घटना तब और गंभीर हो गई जब अस्पताल परिसर में मौजूद अमृत फार्मेसी के पास की ढलान पर संतुलन बिगड़ गया और मरीज गिरते-गिरते बाल-बाल बचा। अगर परिजन ने वक्त रहते खुद को न संभाला होता, तो गंभीर हादसा हो सकता था।
परिजन बन गए ‘सपोर्ट स्टाफ’
इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन के उन दावों की हवा निकाल दी, जिनमें मरीजों को कैथलैब से वार्ड तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस और सपोर्ट स्टाफ की सुविधा देने की बात कही गई थी। हकीकत ये है कि हर महीने 300 से 400 मरीजों को इसी तरह उनके परिजन ही ले जाने को मजबूर हैं।
आधे किलोमीटर लंबा मुश्किल रास्ता
अभी कैथलैब पुरानी ट्रॉमा बिल्डिंग के पीछे चल रही है और आसपास का इलाका निर्माणाधीन है। इस वजह से वहां भारी वाहनों की आवाजाही और सुरक्षा इंतज़ामों की कमी मरीजों के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है।
- यह रास्ता लगभग आधा किलोमीटर लंबा है।
- मरीजों को इस दूरी में तेज धूप, बारिश और फिसलन भरी ढलानों से होकर गुजरना पड़ता है।
- पूरे रास्ते में छांव या शेड का भी कोई इंतज़ाम नहीं है।
7 करोड़ की नई कैथलैब का अब तक इंतजार
हमीदिया अस्पताल में हृदय रोगियों के इलाज को बेहतर बनाने के लिए 7.17 करोड़ की लागत से एक नई मॉडर्न कैथलैब स्थापित की जानी है, जिसे तीसरी मंजिल पर शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, पांच महीने बीतने के बावजूद जरूरी उपकरण और मशीनें अब तक अस्पताल में नहीं पहुंची हैं।
अधीक्षक का बयान – “जांच के बाद होगी कार्रवाई”
अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कहा है कि,
“अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ मौजूद है। इस घटना की जांच करवाई जाएगी और अगर किसी की लापरवाही पाई जाती है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। कुछ मामलों में परिजन भी जल्दबाजी में स्टाफ का इंतजार नहीं करते।”
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि नई कैथलैब जल्द शुरू की जाएगी, जो इस समस्या का स्थायी समाधान होगी।
क्या होती है कैथलैब?
कैथलैब (Catheterization Laboratory) एक विशेष प्रकार की लैब होती है जहां हृदय से जुड़ी विभिन्न जांचें और इलाज होते हैं, जैसे:
- एंजियोग्राफी
- एंजियोप्लास्टी
- पेसमेकर इम्प्लांटेशन
यह तकनीकी रूप से उन्नत प्रयोगशाला शरीर के अंदर की सटीक जानकारी देती है और संक्रमण की संभावना कम होती है।
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। जहां एक ओर मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने की योजनाएं बनती हैं, वहीं जमीनी सच्चाई ये है कि मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालकर इलाज तक पहुंचना पड़ता है।