मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित फिल्म ‘छावा’ का अवलोकन करेंगे। इस विशेष स्क्रीनिंग में राज्य के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों की भी भागीदारी होगी। यह आयोजन संभाजी महाराज के अदम्य साहस, संघर्ष और बलिदान की गाथा को याद करने का अवसर प्रदान करेगा।
विस्तृत जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज शाम 7 बजे भोपाल के अशोका लेक व्यू होटल के ओपन थिएटर में फिल्म ‘छावा’ देखेंगे। इस खास मौके पर उनके साथ मंत्रिमंडल के सदस्य और विधायक भी मौजूद रहेंगे। यह फिल्म संभाजी महाराज के जीवन की प्रेरक कहानी को दर्शाती है, जिन्होंने अपने शौर्य और बलिदान से इतिहास में अमर स्थान प्राप्त किया। गौरतलब है कि सीएम ने 19 फरवरी को इस फिल्म को मध्य प्रदेश में कर-मुक्त करने की घोषणा की थी। 14 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ‘छावा’ ने अब तक देशभर में 550 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है और दर्शकों के बीच खासी लोकप्रियता हासिल की है।

फिल्म को टैक्स-मुक्त करने की घोषणा
मध्य प्रदेश सरकार ने ‘छावा’ को टैक्स-मुक्त कर इसे जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। जबलपुर में एक स्टेडियम के उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था, “संभाजी महाराज ने राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। यह फिल्म उनके जीवन की घटनाओं और देशभक्ति की भावना को दर्शाती है। इसलिए मध्य प्रदेश में इसे टैक्स-मुक्त किया गया है, ताकि लोग उनके गौरवपूर्ण इतिहास से परिचित हो सकें।”
संभाजी महाराज का ऐतिहासिक योगदान
छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के बाद उनके पुत्र संभाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। औरंगजेब ने छल और बल से संभाजी और उनके सहयोगी कवि कलश को बंदी बना लिया था। इसके बावजूद, उन्होंने 39 दिनों तक असहनीय यातनाएं सहते हुए भी अपने धर्म को नहीं त्यागा और अंततः अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनकी यह वीरता आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन
14 फरवरी को रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की है। अब तक इसने भारत में 550 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की और शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ के एक रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। दर्शकों के बीच इसकी लोकप्रियता लगातार बनी हुई है।
निष्कर्ष
यह आयोजन न केवल एक फिल्म स्क्रीनिंग है, बल्कि संभाजी महाराज के बलिदान और वीरता को सम्मान देने का एक प्रयास भी है। मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि इतिहास के इन गौरवशाली पन्नों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना कितना महत्वपूर्ण है।
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