Mohit Jain
भारत में अब ओला-उबर जैसी निजी टैक्सी सेवाओं को टक्कर देने के लिए पहली सरकारी टैक्सी सर्विस शुरू की जा रही है। केंद्र सरकार ने इसका नाम “भारत टैक्सी” रखा है, जिसे सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन ने मिलकर तैयार किया है। इसका पायलट प्रोजेक्ट नवंबर से दिल्ली में 650 ड्राइवरों के साथ शुरू होगा।
ड्राइवर होंगे सह-मालिक, नहीं देना होगा कमीशन

भारत टैक्सी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हर राइड की 100% कमाई सीधे ड्राइवर को मिलेगी। ओला-उबर की तरह 20–25% कमीशन देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइवरों को सिर्फ एक नाममात्र सदस्यता शुल्क देना होगा। यह सहकारी मॉडल के तहत काम करेगी, जिससे ड्राइवर भी इसके सह-मालिक होंगे।
भारत टैक्सी को सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड चलाएगा, जिसकी स्थापना ₹300 करोड़ की पूंजी के साथ जून में की गई थी। यह ऐप डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा है।
महिला ड्राइवरों को मिलेगा मौका
भारत टैक्सी में महिलाओं की भागीदारी पर भी खास जोर दिया गया है। पहले चरण में 100 महिला ड्राइवर यानी ‘महिला सारथी’ को जोड़ा जाएगा। इन्हें 15 नवंबर से निःशुल्क प्रशिक्षण और बीमा सुविधा दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 15,000 महिला ड्राइवर इस योजना से जुड़ें।

ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेगी सेवा
भारत टैक्सी का विस्तार चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
- दिसंबर से मार्च 2026 तक: राजकोट, मुंबई और पुणे में शुरुआत।
- अप्रैल से दिसंबर 2026: लखनऊ, भोपाल, जयपुर में विस्तार।
- 2027-28 तक: 20 शहरों में 50 हजार ड्राइवरों के साथ पैन-इंडिया सेवा।
- 2028-30 तक: सभी जिलों और गांवों तक पहुंच, 1 लाख ड्राइवरों का लक्ष्य।
सुरक्षा और पारदर्शिता पर जोर
एप में डिस्ट्रेस बटन और पुलिस थानों से सीधा कनेक्शन रहेगा, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। किराया स्थिर और पारदर्शी होगा, ताकि यात्रियों को डायनामिक प्राइसिंग की समस्या न झेलनी पड़े।
सरकार का कहना है कि भारत टैक्सी न सिर्फ ड्राइवरों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बनेगी, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद सफर भी देगी।





