बेमेतरा। प्रदेशभर में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की सामूहिक हड़ताल का असर अब आम जनता और किसानों पर साफ दिखने लगा है। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के आह्वान पर सोमवार से तहसील कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।
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किसानों को करना पड़ा निराशा का सामना
बेमेतरा जिले के तहसील कार्यालय में बुधवार को आसपास के गांवों से कई किसान अपने काम करवाने पहुंचे थे।
- किसानों का कहना है कि उन्हें सीमांकन, नामांतरण, प्रमाण पत्र और न्यायालयीन सुनवाई जैसे जरूरी काम करवाने थे।
- लेकिन तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के हड़ताल पर रहने के कारण कार्यालय सूना पड़ा रहा।
- दूर-दराज से आए कई लोग निराश होकर लौटने को मजबूर हुए।
17 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल
तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की है।
उनकी मांग है कि शासन उनकी समस्याओं और मुद्दों का जल्द समाधान करे।
हड़ताल का सीधा असर जनता पर
तहसील कार्यालयों में हड़ताल के चलते
- सीमांकन कार्य लंबित हो गए हैं।
- नामांतरण और प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया रुक गई है।
- न्यायालयीन सुनवाई भी स्थगित हो गई है।
किसानों की बढ़ी चिंता
किसानों का कहना है कि इस समय बरसात का मौसम चल रहा है और खेती से जुड़े कई जरूरी कामों के लिए राजस्व कार्यालय की सेवाएं जरूरी हैं। हड़ताल लंबी खिंचने पर उनकी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।