नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर टू-व्हीलर्स की एंट्री को पूरी तरह से बंद कर दिया है। ये कदम कर्नाटक में इस नए हाईवे पर हुए पहले बड़े हादसे के बाद उठाया गया है, जिसमें कोलार जिले के बंगारपेट तालुक में रविवार रात को चार लोगों की जान चली गई। हाईवे को हाई-स्पीड गाड़ियों के लिए बनाया गया है, इसलिए बाइक वालों के लिए इसे खतरनाक माना जा रहा है।

हादसे की वजह और फैसले की जरूरत
एनएचएआई के एक अफसर ने बताया कि एक बाइक गलत साइड से एक्सप्रेसवे पर घुसी और चार पहिया गाड़ी से टकरा गई। इस हादसे ने सबको चौंका दिया। अफसर ने कहा, “देश में एक्सप्रेसवे पर बाइकों का आना-जाना वैसे भी मना है। हम बाइक सवारों से गुजारिश करते हैं कि इस रास्ते का इस्तेमाल न करें। ये हाईवे 120 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऐसे में बाइक चलाना न सिर्फ अपनी जान को जोखिम में डालना है, बल्कि दूसरों की सेफ्टी को भी खतरे में डालना है।”
पिछले महीने 68 किलोमीटर का ये हिस्सा अनौपचारिक रूप से गाड़ियों के लिए खोल दिया गया था। इसके बाद से कई बाइक सवार नए अनुभव के चक्कर में इस रास्ते पर निकल पड़े, लेकिन अब एनएचएआई ने सख्ती बरतने का फैसला किया है।
क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- पेट्रोलिंग बढ़ाई गई: हाईवे पर पेट्रोलिंग गाड़ियां तैनात की गई हैं, जो बाइकों को एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर रोकेंगी।
- साइनबोर्ड्स लगेंगे: जल्द ही पूरे रास्ते पर साइनबोर्ड्स लगाए जाएंगे, ताकि बाइक वालों को साफ चेतावनी मिले।
- जिला प्रशासन से मदद: एनएचएआई ने जिला अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर सहयोग मांगा है, ताकि नियमों को सख्ती से लागू किया जा सके।
अफसर ने आगे कहा, “पेट्रोलिंग और एंबुलेंस तो पहले से ही चल रही हैं, लेकिन जब तक टोल का नोटिफिकेशन नहीं आता, पूरी सख्ती लागू करना मुश्किल है।”
एक्सप्रेसवे का हाल
कर्नाटक में 71 किलोमीटर का हिस्सा तैयार हो चुका है। कुल 260 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेसवे होसकोटे से लेकर श्रीपेरंबुदूर (चेन्नई के पास) तक जाता है। बाकी हिस्सा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में है, जो इस साल के अंत तक खुलने की उम्मीद है। कर्नाटक में ये रास्ता होसकोटे, मालूर, केजीएफ जैसे इलाकों को जोड़ता है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे फैसले
बेंगलुरु-मैसूर हाईवे पर भी बार-बार हादसे होने के बाद एनएचएआई ने बाइकों और ऑटोरिक्शा को मुख्य रास्ते पर बैन कर दिया था। अफसर ने कार वालों से भी अपील की, “खाली रास्ता देखकर लोग तेज़ी से गाड़ी न भगाएं, वरना हादसे का खतरा बढ़ जाता है।”
जनता से अपील
एनएचएआई का कहना है कि जान से बढ़कर कुछ नहीं। बाइक सवार भाइयों से हाथ जोड़कर गुज़ारिश है कि इस हाईवे से दूर रहें। साथ ही, कार वाले भी स्पीड पर कंट्रोल रखें। आने वाले दिनों में टोल शुरू होने के बाद नियम और सख्त होंगे।
निष्कर्ष
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर हुई इस दुखद घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। सेफ्टी पहले है, और इसके लिए एनएचएआई ने सही वक्त पर सही कदम उठाया है। अब देखना ये है कि लोग कितना सहयोग करते हैं।