भारत की अग्रणी पेंट निर्माता कंपनी एशियन पेंट्स मुश्किल में घिरती नजर आ रही है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने कंपनी पर बाजार में अपने दबदबे का दुरुपयोग करने के आरोप में जांच का आदेश दिया है। यह कदम बिरला समूह की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज की शिकायत के बाद उठाया गया है, जो हाल ही में पेंट सेक्टर में उतरी है।
क्या है जांच की वजह?
शिकायतकर्ता:
ग्रासिम इंडस्ट्रीज (बिरला पेंट्स डिवीजन)
मुख्य आरोप:
- प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने की रणनीति
- डीलर्स पर दबाव डालकर केवल अपने प्रोडक्ट्स बेचने की शर्त
- अन्य कंपनियों से कारोबारी रिश्ते रोकना
- सप्लायर्स को प्रतिद्वंद्वियों को कच्चा माल न देने की चेतावनी
- ट्रांसपोर्टर्स, एजेंट्स और हाउस ओनर्स को डराना
ग्रासिम ने आरोप लगाया है कि एशियन पेंट्स जानबूझकर ऐसे तरीके अपना रही है जिससे बाजार में नए प्लेयर्स का प्रवेश और विस्तार रोक दिया जाए।
CCI का कदम और कानूनी प्रक्रिया
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- जांच की जिम्मेदारी DG (Director General) को सौंपी गई है
- रिपोर्ट 90 दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी
- Competition Act, 2002 की धारा 4 के तहत यह मामला दर्ज किया गया है
- प्रारंभिक निष्कर्षों में एशियन पेंट्स पर “शोषणात्मक व्यवहार” का संदेह है
CCI की प्राथमिक टिप्पणियां
CCI ने कहा है कि शुरुआती नजर में, एशियन पेंट्स द्वारा अपनाई गई रणनीतियां बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकती हैं।
विशेष रूप से यह भी सामने आया कि डीलर्स पर केवल एशियन पेंट्स का माल बेचने का दबाव बनाया जा रहा है। इससे नए ब्रांड्स को बाजार में स्थान नहीं मिल पा रहा।
रिलायंस की एग्जिट और बाजार में नया संघर्ष
हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बेच दी थी।
इसके बाद JSW पेंट्स और ग्रासिम जैसे नए खिलाड़ी इस इंडस्ट्री में तेजी से उतर रहे हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।
अब जब प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है, ऐसे आरोप एशियन पेंट्स की छवि पर असर डाल सकते हैं।
क्या हो सकता है आगे?
- यदि जांच में आरोप सही पाए गए, तो एशियन पेंट्स पर भारी जुर्माना लग सकता है
- कंपनी की बाजार हिस्सेदारी और प्रतिष्ठा पर नकारात्मक असर संभव
- अन्य पेंट कंपनियों के लिए यह फैसला नया रास्ता खोल सकता है
CCI द्वारा जांच का आदेश एशियन पेंट्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इससे बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की बहस को बल मिला है।
यदि आप पेंट उद्योग, शेयर बाजार या कारोबारी नीतियों में रुचि रखते हैं, तो आने वाले दिनों में इस मामले के अपडेट्स पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा।