पूर्व नीति आयोग प्रमुख और सीनियर आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत ने G20 शेरपा पद से इस्तीफा दे दिया है। यह निर्णय उन्होंने लिंक्डइन पोस्ट के ज़रिए साझा किया, जिसका शीर्षक था — “My New Journey”। अब वह भारत के विकास में एक नई भूमिका निभाने जा रहे हैं, जिसमें वे स्टार्टअप्स, थिंक टैंक और शैक्षणिक संस्थानों को समर्थन देंगे।
भारत की G20 अध्यक्षता को बताया ऐतिहासिक
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि वर्ष 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता अब तक की सबसे:
- समावेशी
- महत्त्वाकांक्षी
- कार्रवाई-उन्मुख
- और निर्णायक अध्यक्षताओं में से एक थी।
उन्होंने कहा:
“भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद हमने नई दिल्ली लीडर्स घोषणापत्र पर सर्वसम्मति प्राप्त की, जिससे भारत ने वैश्विक एजेंडे पर नेतृत्व सिद्ध किया।”
इसके अतिरिक्त, भारत ने:
- देश के हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में G20 बैठकें आयोजित कीं,
- स्थानीय संस्कृति, व्यंजन, और कलाओं को बढ़ावा दिया,
- सहकारी संघवाद को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
प्रमुख उपलब्धियाँ और योगदान
अमिताभ कांत ने अपने कार्यकाल में कई बड़े कार्यक्रमों और योजनाओं का नेतृत्व किया:
नीति आयोग में:
- अकांक्षी जिला कार्यक्रम के ज़रिए भारत के 115 पिछड़े ज़िलों का सामाजिक-आर्थिक विकास किया।
- प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI), ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, और अटल इनोवेशन मिशन जैसे योजनाओं से नवाचार और उद्योग को बढ़ावा दिया।
औद्योगिक नीति विभाग में:
- मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियानों को गति दी।
- व्यापार करने की प्रक्रिया को आसान बनाया और वैश्विक निवेश को आकर्षित किया।
केरल से ‘अतुल्य भारत’ तक की यात्रा
अपने आईएएस करियर की शुरुआत केरल से करने वाले कांत ने:
- ‘गॉड्स ओन कंट्री’ अभियान की शुरुआत की,
- कालीकट एयरपोर्ट के विस्तार में अहम भूमिका निभाई,
- केरल के मछुआरों और महिलाओं के साथ मिलकर ग्रासरूट स्तर पर कार्य किया।
उन्होंने अपने अनुभवों को केंद्र की नीतियों में भी शामिल किया, जिसके परिणामस्वरूप ‘अतुल्य भारत’ जैसी प्रमुख पहल की नींव रखी गई।
सरकार और सहयोगियों का आभार
उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा:
“भारत हमेशा से ही अतुल्य रहा है और रहेगा। मैंने दुनिया को इसे पहचानने में मदद करने की कोशिश की है।
यह भी पढें: RAT क्या होता है? जानें प्लेन क्रैश से पहले कैसे करता है यह सिस्टम काम
अमिताभ कांत का इस्तीफा सिर्फ एक पद से नहीं, बल्कि एक नई भूमिका में प्रवेश का संकेत है। उनका अनुभव, दृष्टिकोण और नेतृत्व आने वाले वर्षों में भारत के स्टार्टअप और थिंक टैंक पारिस्थितिकी तंत्र को नया आकार देने में मदद करेगा।