BY: Yoganand Shrivastava
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा में अपने मंत्रालय के कार्यों पर चर्चा के दौरान नक्सलवाद, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और उत्तर पूर्व में अशांति जैसे मुद्दों पर सरकार की ओर से उठाए गए सख्त कदमों की जानकारी दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि 21 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि जब 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी थी, तब देश को कई गंभीर सुरक्षा चुनौतियां विरासत में मिली थीं। उन्होंने कहा, “पिछले चार दशकों से देश की शांति और विकास में तीन प्रमुख बाधाएँ बनी हुई थीं—जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, नक्सलवाद और उत्तर पूर्वी राज्यों में उग्रवाद। इनकी वजह से लगभग 92,000 नागरिकों की जान गई। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस और योजनाबद्ध कदम उठाए गए हैं।”
नक्सलवाद पर कड़ा रुख
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद को केवल एक राजनीतिक समस्या मानना गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुरक्षा बलों को सटीक खुफिया जानकारी प्रदान करके नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। उन्होंने कहा, “मैं इस सदन में पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूँ कि 21 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।”
जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव
गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर की बदली हुई स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि “पहले वहाँ आतंकी संगठनों का महिमामंडन किया जाता था, आतंकियों के जनाजे में हजारों लोग जुटते थे। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। अब आतंकियों को वहीं दफना दिया जाता है और सरकार से लाभ लेने वाले उनके परिवारों को भी पदों से हटा दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अस्थायी था, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण इसे बनाए रखा गया। “प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 को ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इसे समाप्त किया और कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से पूर्ण रूप से जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाया,” उन्होंने कहा।
आंतरिक सुरक्षा में सुधार
गृह मंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा और सीमा की सुरक्षा को लेकर सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा, “देश में अब साइबर क्राइम, मादक पदार्थों की तस्करी, हवाला और संगठित अपराध जैसी समस्याएँ अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय रूप ले रही हैं। इन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय में व्यापक सुधार किए गए हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और अधिक मजबूत हुई है।”
बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि
अमित शाह ने देश की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “आज जो शांति हमें दिख रही है, उसके पीछे हजारों जवानों का सर्वोच्च बलिदान है। उनकी वीरता और समर्पण की बदौलत ही देश सुरक्षित है।”
सरकार की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद, नक्सलवाद और देश के अन्य आंतरिक खतरों को खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और आने वाले समय में इसका प्रभाव साफ तौर पर दिखाई देगा।
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