BY: Yoganand Shrivastva
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के बरला कस्बे में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की सरेआम हत्या करवा दी। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे मोहल्ले को हिला कर रख दिया है। खास बात यह है कि इस खौफनाक साजिश का पर्दाफाश खुद महिला के तीन मासूम बच्चों ने किया, जो पुलिस थाने पहुंचकर मां के खिलाफ गवाही देने लगे।
प्रेम कहानी जो हत्या में बदली
मामला बरला कस्बे के मोहल्ला कोठी का है। यहां 32 वर्षीय सुरेश की पत्नी बीना पिछले आठ सालों से अपने पड़ोसी मनोज के साथ प्रेम संबंध में थी। सुरेश दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था और हर 7-10 दिन में छुट्टी लेकर घर आता था। इस दौरान बीना मौका पाकर अपने प्रेमी को घर बुलाती थी। बच्चों और पति को खाने में नींद की गोलियां देकर सुला देती, ताकि किसी को भनक न लगे।
बच्चों ने खोली मां की साजिश
हत्या के बाद जब पुलिस जांच में लगी थी, तभी सुरेश के तीनों बच्चे—10 वर्षीय नीतेश, 8 वर्षीय पुनीत और 6 वर्षीय रोशनी—पुलिस थाने पहुंचे और मां की करतूतों का खुलासा कर दिया। बच्चों ने बताया कि मां अकसर उन्हें भी नींद की गोलियां खिलाकर सुला देती थी और रात को कोई “अजनबी चाचा” आता था। बच्चे मां को सजा देने की मांग करने लगे।
तीन पंचायतें, फिर भी न टूटा रिश्ता
बीना और मनोज के रिश्ते को लेकर मोहल्ले में कई बार चर्चा हो चुकी थी। यहां तक कि तीन बार पंचायत भी हुई, जिसमें दोनों को अलग रहने के लिए कहा गया। परंतु बीना और मनोज चोरी-छिपे मिलते रहे—कभी रात के अंधेरे में, तो कभी होटल में। कई बार पुलिस ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा, मगर बीना हमेशा मनोज का बचाव करती रही।
हत्या का प्लान: गला दबाने से लेकर गोली तक
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि सुरेश की हत्या के लिए बीना और मनोज ने दो चरणों वाला प्लान बनाया था।
- पहले उसे खाने में नींद की गोली देकर रात में गला दबाकर मारने की योजना थी।
- जब यह नहीं हो सका, तो बीना ने मनोज को तमंचा थमाया और कहा – “जा, मेरे पति को खत्म कर दे। अगर जिंदा बचा तो कभी मेरी शक्ल मत दिखाना।”
वारदात का दिन
घटना वाले दिन सुबह बीना ने अपने बच्चों को जबरन स्कूल भेजा, जबकि वे पिता के साथ समय बिताना चाहते थे। फिर उसने सुरेश को घर के बाहर चबूतरे पर बैठने को कहा। तभी मनोज आया और सुरेश के सीने पर गोली दाग दी। सुरेश का भाई विजय जब बचाने आया, तो उस पर भी फायर किया गया, जिसमें वह घायल हो गया।
थाने पहुंचकर कबूला गुनाह
घटना के करीब एक घंटे बाद मनोज खुद तमंचा लेकर थाने पहुंच गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया। थोड़ी ही देर में पुलिस ने बीना को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि इस बार सुरेश को दिल्ली लौटने से पहले ही मारना तय किया गया था।
मां ने बच्चों को स्कूल भेजा, ताकि कोई न हो बाधा
पुलिस ने बताया कि बीना ने सुबह बच्चों को इसलिए जबरन स्कूल भेजा क्योंकि उन्हें डर था कि वे घटना के समय घर पर होंगे, तो उनका प्लान फेल हो सकता है। बच्चों ने स्कूल न जाने की जिद की थी, लेकिन मां ने डांटकर उन्हें भेजा।
सीधा हमला, लाइव लोकेशन
सीओ बरला गर्वित सिंह के मुताबिक, वारदात से पहले बीना लगातार मनोज से फोन पर बात कर रही थी और सुरेश की लोकेशन बता रही थी। गोली की आवाज सुनकर आए परिजन ने बीना को यह कहते सुना—
“जितनी गोली मारनी है मार, आज बचना नहीं चाहिए।”
निष्कर्ष
अलीगढ़ की यह घटना महज एक हत्या नहीं, बल्कि इंसानी रिश्तों, विश्वास और मर्यादा की हत्या है। एक पत्नी, जो मां भी थी, ने न सिर्फ अपने पति की हत्या करवाई, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को भी अंधकार में धकेल दिया। अब यह मामला सिर्फ कानून के कटघरे में नहीं, समाज की सोच पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।
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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के बरला कस्बे में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की सरेआम हत्या करवा दी। इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे मोहल्ले को हिला कर रख दिया है। खास बात यह है कि इस खौफनाक साजिश का पर्दाफाश खुद महिला के तीन मासूम बच्चों ने किया, जो पुलिस थाने पहुंचकर मां के खिलाफ गवाही देने लगे।
प्रेम कहानी जो हत्या में बदली
मामला बरला कस्बे के मोहल्ला कोठी का है। यहां 32 वर्षीय सुरेश की पत्नी बीना पिछले आठ सालों से अपने पड़ोसी मनोज के साथ प्रेम संबंध में थी। सुरेश दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था और हर 7-10 दिन में छुट्टी लेकर घर आता था। इस दौरान बीना मौका पाकर अपने प्रेमी को घर बुलाती थी। बच्चों और पति को खाने में नींद की गोलियां देकर सुला देती, ताकि किसी को भनक न लगे।
बच्चों ने खोली मां की साजिश
हत्या के बाद जब पुलिस जांच में लगी थी, तभी सुरेश के तीनों बच्चे—10 वर्षीय नीतेश, 8 वर्षीय पुनीत और 6 वर्षीय रोशनी—पुलिस थाने पहुंचे और मां की करतूतों का खुलासा कर दिया। बच्चों ने बताया कि मां अकसर उन्हें भी नींद की गोलियां खिलाकर सुला देती थी और रात को कोई “अजनबी चाचा” आता था। बच्चे मां को सजा देने की मांग करने लगे।
तीन पंचायतें, फिर भी न टूटा रिश्ता
बीना और मनोज के रिश्ते को लेकर मोहल्ले में कई बार चर्चा हो चुकी थी। यहां तक कि तीन बार पंचायत भी हुई, जिसमें दोनों को अलग रहने के लिए कहा गया। परंतु बीना और मनोज चोरी-छिपे मिलते रहे—कभी रात के अंधेरे में, तो कभी होटल में। कई बार पुलिस ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा, मगर बीना हमेशा मनोज का बचाव करती रही।
हत्या का प्लान: गला दबाने से लेकर गोली तक
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि सुरेश की हत्या के लिए बीना और मनोज ने दो चरणों वाला प्लान बनाया था।
- पहले उसे खाने में नींद की गोली देकर रात में गला दबाकर मारने की योजना थी।
- जब यह नहीं हो सका, तो बीना ने मनोज को तमंचा थमाया और कहा – “जा, मेरे पति को खत्म कर दे। अगर जिंदा बचा तो कभी मेरी शक्ल मत दिखाना।”
वारदात का दिन
घटना वाले दिन सुबह बीना ने अपने बच्चों को जबरन स्कूल भेजा, जबकि वे पिता के साथ समय बिताना चाहते थे। फिर उसने सुरेश को घर के बाहर चबूतरे पर बैठने को कहा। तभी मनोज आया और सुरेश के सीने पर गोली दाग दी। सुरेश का भाई विजय जब बचाने आया, तो उस पर भी फायर किया गया, जिसमें वह घायल हो गया।
थाने पहुंचकर कबूला गुनाह
घटना के करीब एक घंटे बाद मनोज खुद तमंचा लेकर थाने पहुंच गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया। थोड़ी ही देर में पुलिस ने बीना को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि इस बार सुरेश को दिल्ली लौटने से पहले ही मारना तय किया गया था।
मां ने बच्चों को स्कूल भेजा, ताकि कोई न हो बाधा
पुलिस ने बताया कि बीना ने सुबह बच्चों को इसलिए जबरन स्कूल भेजा क्योंकि उन्हें डर था कि वे घटना के समय घर पर होंगे, तो उनका प्लान फेल हो सकता है। बच्चों ने स्कूल न जाने की जिद की थी, लेकिन मां ने डांटकर उन्हें भेजा।
सीधा हमला, लाइव लोकेशन
सीओ बरला गर्वित सिंह के मुताबिक, वारदात से पहले बीना लगातार मनोज से फोन पर बात कर रही थी और सुरेश की लोकेशन बता रही थी। गोली की आवाज सुनकर आए परिजन ने बीना को यह कहते सुना—
“जितनी गोली मारनी है मार, आज बचना नहीं चाहिए।”
निष्कर्ष
अलीगढ़ की यह घटना महज एक हत्या नहीं, बल्कि इंसानी रिश्तों, विश्वास और मर्यादा की हत्या है। एक पत्नी, जो मां भी थी, ने न सिर्फ अपने पति की हत्या करवाई, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को भी अंधकार में धकेल दिया। अब यह मामला सिर्फ कानून के कटघरे में नहीं, समाज की सोच पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।