गुरुवार को अहमदाबाद में हुए भयावह प्लेन हादसे ने देश को हिला कर रख दिया। Air India की फ्लाइट AI-171 के क्रैश में 241 लोगों की मौत हो गई, लेकिन एकमात्र बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार ने जो बताया, वो चौंका देने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अस्पताल पहुंचकर उनका हाल जाना।
पीएम मोदी की मुलाकात
- स्थान: अहमदाबाद सिविल अस्पताल
- मुलाकात समय: शुक्रवार दोपहर
- बातचीत: करीब 5 मिनट तक पीएम ने विश्वास से बातचीत की
- उद्देश्य: हादसे की जानकारी और घायल का हालचाल
‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा हूं’ – विश्वास कुमार
हादसे के वक्त की स्थिति:
“सब कुछ मेरी आंखों के सामने हुआ। अचानक प्लेन की स्पीड बढ़ी और फिर जोरदार धमाका हुआ। मुझे लगा अब मैं भी मर जाऊंगा।”
- सीट नंबर: 11A
- स्थिति: दरवाजा टूट गया और सीट समेत नीचे गिर पड़े
- बचाव: सीटबेल्ट खोलकर बाहर निकलने की कोशिश की
- वजह: दरवाजे के पास खाली जगह थी, वहीं से निकल पाए
हादसे के क्षण
- टेकऑफ के 5-10 सेकंड बाद ही सब कुछ गड़बड़ हो गया
- प्लेन में ग्रीन और व्हाइट लाइट जलने लगी
- जैसे ही स्पीड बढ़ी, विमान जमीन से टकरा गया
- ऊपरी हिस्से में आग लग गई, जिससे कई लोग वहीं फंसे रह गए
- दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और कई यात्री उनकी आंखों के सामने जलते देखे
‘मैं खुद पैदल बाहर निकला’
“हादसे के बाद जब आंख खुली, तो महसूस हुआ कि मैं जिंदा हूं। सोचा अगर निकल सकता हूं, तो निकलूंगा – और मैं निकल गया।”
- दरवाजा टूटने के बाद सामने खाली जगह दिखी
- दूसरी तरफ दीवार थी, जिससे कोई नहीं निकल सका
- घटनास्थल से पैदल चलते हुए बाहर आए
- चेहरा और शरीर बुरी तरह जख्मी हुआ
हादसे की मुख्य जानकारी
विवरण | जानकारी |
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🛫 फ्लाइट संख्या | AI-171 (Air India, Boeing 787 Dreamliner) |
📍 रूट | अहमदाबाद से लंदन |
🕒 हादसे का समय | गुरुवार दोपहर 1:40 बजे |
👥 कुल लोग | 242 (230 यात्री + 12 क्रू) |
⚰️ मौतें | 241 |
🌍 राष्ट्रीयता | 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई |
बिल्डिंग से टकराया विमान
- प्लेन अहमदाबाद की डॉक्टर्स रेजिडेंशियल बिल्डिंग से टकराया
- हादसे के वक्त इमारत में 50-60 डॉक्टर मौजूद थे
- कई डॉक्टर घायल हुए, कुछ की हालत गंभीर
- अधिकांश शव झुलसे हुए मिले
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जहां 241 की जान गई, वहां एक चमत्कार भी हुआ
रमेश विश्वास कुमार की आपबीती इस हादसे की भयावहता और उनके अद्भुत साहस की मिसाल है। उनका बच निकलना एक चमत्कार से कम नहीं। यह कहानी न सिर्फ दिल को छू जाती है, बल्कि हमें यह भी सिखाती है कि संयम, सतर्कता और इच्छा शक्ति संकट के समय जान बचा सकती है।