12 जून को अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। यह विमान लंदन के लिए रवाना हुआ था लेकिन टेक-ऑफ के बाद मेघानी क्षेत्र में एक हॉस्टल से टकरा गया, जिससे एक बड़ा हादसा हो गया।
इस दुर्घटना से जुड़े दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिनमें विमान की स्थिति को देखा जा सकता है। इन वीडियो और जानकारियों के आधार पर विमानन विशेषज्ञों और पायलट्स ने कई अहम सवाल उठाए हैं।
प्रमुख बिंदु
- एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त
- मेघानी इलाके के हॉस्टल से टकराने से हुआ हादसा
- लैंडिंग गियर, इंजन फेल्योर, बर्ड हिट समेत कई संभावनाएं चर्चा में
- एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो कर रहा है जांच
लैंडिंग गियर नीचे क्यों था?
कैप्टन अमित सिंह, एक एयर सेफ्टी विशेषज्ञ ने बताया कि टेक-ऑफ के 5 सेकंड के भीतर लैंडिंग गियर ऊपर कर देना सामान्य प्रक्रिया है। एयर इंडिया के पूर्व ऑपरेशन्स डायरेक्टर कैप्टन मनोज हाठी का कहना है कि जैसे ही विमान की चढ़ाई की गति पॉजिटिव होती है, लैंडिंग गियर ऊपर कर दिया जाता है।
हालांकि, वायरल वीडियो में देखा गया कि विमान करीब 400 फीट की ऊंचाई पर था, फिर भी उसका लैंडिंग गियर नीचे था। इससे विमान की गति और ऊंचाई पर असर पड़ सकता है, जो हादसे की बड़ी वजह बन सकता है।
डुअल इंजन फेल्योर की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि डुअल इंजन फेल्योर हुआ हो सकता है, जो बर्ड इन्गेशन (पक्षियों के इंजन में चले जाना) या फ्यूल कंटैमिनेशन (ईंधन में गड़बड़ी) की वजह से हो सकता है।
कैप्टन सिंह के अनुसार, रनवे क्रॉस करते वक्त विमान के नीचे धूल का गुबार दिखा, जो यह दर्शाता है कि विमान पूरी ताकत से टेक-ऑफ नहीं कर पाया। DGCA ने भी बताया कि टेक-ऑफ के तुरंत बाद पायलट्स ने ‘MAYDAY’ कॉल दी थी – यह संकेत है कि स्थिति बेहद गंभीर थी।
बर्ड हिट और फ्लैप्स को लेकर मतभेद
कुछ पायलट्स ने आशंका जताई कि यह हादसा बर्ड हिट की वजह से हुआ हो सकता है। इंजन में खराबी आने की यह एक आम वजह मानी जाती है। वहीं फ्लैप्स की स्थिति को लेकर भी विशेषज्ञों में मतभेद हैं – कुछ वीडियो में फ्लैप्स नॉर्मल दिखते हैं, जबकि कुछ का दावा है कि टेक-ऑफ के समय फ्लैप्स नीचे नहीं थे।
हादसे की जांच: क्या कहता है नियम?
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जांच शुरू कर दी है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के अनुसार:
- प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर तैयार की जाती है
- अंतिम रिपोर्ट एक वर्ष के भीतर सार्वजनिक होती है
इन रिपोर्ट्स का उद्देश्य किसी को दोषी ठहराना नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए सबक लेना होता है।
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अहमदाबाद विमान हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि टेक्निकल जांच और सुरक्षा मानकों को लगातार अपडेट करना जरूरी है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि एक छोटी सी चूक भी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। अब सबकी नजर AAIB की जांच रिपोर्ट पर है, जिससे हादसे की सटीक वजह सामने आ सकेगी।