BY: MOHIT JAIN
आगरा में पिछले दो हफ्तों से मची बाढ़ की तबाही के बाद आखिरकार यमुना नदी का जलस्तर खतरे के अलर्ट निशान से नीचे आ गया है। रविवार रात वाटर वर्क्स पर जलस्तर 494.9 फीट दर्ज किया गया, जबकि शहर में खतरे का अलर्ट निशान 495 फीट पर है। इससे शहरवासियों को राहत की सांस मिली है।
कैसे बिगड़े थे हालात
1 सितंबर को हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आगरा में बाढ़ जैसे हालात बन गए।
- यमुना का जलस्तर बढ़कर 501.3 फीट तक पहुंच गया था, जो फ्लड लेवल (499 फीट) से ऊपर था।
- शहर के पॉश इलाकों से लेकर 40 गांवों तक पानी भर गया।
- कई लोगों को अपने घर छोड़कर पलायन करना पड़ा।
अब हालात हो रहे सामान्य
नदी का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है और हालात सामान्य होते दिख रहे हैं।
- बल्केश्वर, कैलाश, पोइया, हाथी और दशहरा घाटों से पानी उतर गया है।
- हालांकि, इन घाटों पर बाढ़ का कीचड़ और गंदगी फैली हुई है।
- लोग अब घरों और गलियों की सफाई में जुट गए हैं।

बैराज से डिस्चार्ज में कमी
सिंचाई विभाग के अनुसार:
- ताजेवाला बैराज से 21,926 क्यूसेक
- ओखला बैराज से 31,534 क्यूसेक
- गोकुल बैराज से 73,222 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि अगले दो दिनों में डिस्चार्ज पूरी तरह सामान्य हो जाएगा।
लोगों के लिए राहत की सांस
पिछले दो हफ्तों से परेशान लोगों को अब राहत मिल रही है। जहां पहले घरों और गलियों में कमर तक पानी भरा था, अब वहां सफाई का काम तेजी से चल रहा है। दुकानदार और स्थानीय लोग अपने सामान को नुकसान से बचाने के लिए व्यवस्था कर रहे हैं।
यमुना का जलस्तर खतरे के अलर्ट निशान से नीचे आने से आगरा में बाढ़ के हालात काबू में हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और अगले कुछ दिनों में नदी का जलस्तर पूरी तरह स्थिर हो जाएगा।





