आगरा का दवा बाजार, जिसे एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब में गिना जाता है, इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है। पिछले छह दिनों से ड्रग विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की लगातार कार्रवाई ने शहर के दवा कारोबार को हिला दिया है।
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ड्रग विभाग और STF की कार्रवाई का असर
- पिछले छह दिनों में आगरा के दवा बाजार में 15-20% की गिरावट दर्ज की गई है।
- हजारों दवा दुकानों का हर रोज़ करोड़ों रुपये का कारोबार अब प्रभावित हुआ है।
- देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों तक दवाएं भेजने वाले व्यापारी अब डर के माहौल में काम कर रहे हैं।
प्रमुख छापेमारी और गिरफ्तारी
- पिछले शुक्रवार को STF और ड्रग विभाग की संयुक्त टीम ने फव्वारा बाजार में हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी के गोदामों को सील किया।
- हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल ने STF इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा को 1 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की, जिसे STF और ड्रग विभाग के अधिकारियों ने मंगवाई और गिरफ्तार किया।
- हिमांशु के खिलाफ एंटी करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और अब वह मेरठ जेल में हैं।
अन्य आरोपी और मुकदमे
- सहायक औषधि आयुक्त नरेश मोहन की तहरीर पर हिमांशु समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
- आरोपी:
- हिमांशु अग्रवाल
- विक्की कुमार (एलडीए कालोनी, लखनऊ)
- सुभाष कुमार (आलमबाग, लखनऊ)
- यूनिस (सुल्तानपुरा, आगरा)
- वारिस (सुल्तानपुरा, आगरा)
- फरहान (लड़ामदा पथौली, आगरा)
- बुधवार को दर्ज तीसरे मुकदमे में हिमांशु के गोदाम से 2.13 करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद हुई।
नकली दवाओं से परेशान व्यापारी
आगरा के असली दवा व्यापारी नकली दवाओं और लगातार कार्रवाई से चिंतित हैं।
- आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष शर्मा ने कहा कि कभी आगरा का दवा बाजार एशिया में सबसे बेहतर माना जाता था, लेकिन अब यह बदनाम हो गया है।
- कई व्यापारी शिकायत कर रहे हैं कि पहले ग्राहकों ने माल खरीदना बंद कर दिया था, अब माल सप्लाई करना भी रोक दिया है।
- बरेली के एक व्यापारी ने दस साल का व्यापारिक रिश्ता होने के बावजूद अब आगरा के दुकानदारों को माल देना बंद कर दिया।
व्यवसायिक नुकसान
- एसोसिएशन के चेयरमैन संजय चौरसिया के मुताबिक पिछले छह दिनों में कारोबार में 15-20% की गिरावट आई है।
- नकली दवाओं के कारोबार और दबाव के कारण आगरा के असली व्यापारी भय में हैं।
- कई व्यापारी अब आगरा से माल लेना ही नहीं चाहते।
आगरा का दवा बाजार नकली दवाओं और रिश्वत घोटालों के चलते पहले जैसी विश्वसनीयता खो चुका है। एसटीएफ और ड्रग विभाग की कार्रवाई से असली व्यापारी तो प्रभावित हुए हैं, लेकिन यह कार्रवाई लंबी अवधि में नकली दवा कारोबार को कम करने और बाजार को सुधारने के लिए जरूरी मानी जा रही है।





