BY: MOHIT JAIN:
आगरा कलेक्ट्रेट परिसर मंगलवार को एक अलग ही नज़ारे का गवाह बना। संविदा कर्मचारियों की बहाली की मांग कर रहे किसान और मज़दूर नेताओं ने 41वें दिन दंडवत परिक्रमा कर विरोध जताया। यह प्रदर्शन नगर पंचायत किरावली से 11 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ किया गया।
19 मार्च को निकाले गए थे कर्मचारी
जानकारी के मुताबिक, 19 मार्च को किरावली नगर पंचायत से 11 संविदा कर्मचारियों को अचानक हटा दिया गया था। इनमें एक कंप्यूटर ऑपरेटर, एक ड्राइवर और 9 सफाई कर्मचारी शामिल थे। इसके बाद से किसान-मज़दूर यूनियन लगातार धरने पर बैठे हैं।
भूख हड़ताल और बढ़ता आक्रोश
कर्मचारियों की बहाली की मांग पूरी न होने पर दो लोग भूख हड़ताल पर चले गए। सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष बाबूलाल ने भी उनका समर्थन करते हुए अनशन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि अधिशासी अधिकारी ने बिना कारण कर्मचारियों को हटाया और अब भी बहाली के आदेश का पालन नहीं कर रहे।
जिला प्रशासन की जांच
जिला प्रशासन ने मामले की जांच करवाई थी। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला को जांच सौंपी थी। जांच में कर्मचारियों की बहाली की सिफारिश की गई, लेकिन अधिशासी अधिकारी ने आदेशों की अनदेखी की।
आंदोलन में जुटे लोग

कलेक्ट्रेट में दंडवत परिक्रमा करते हुए प्रदर्शनकारियों ने अधिशासी अधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसान-मज़दूर नेता चौधरी दिलीप सिंह के नेतृत्व में सोनू चौधरी, राजीव ठाकुर, रंजीत चौधरी, रवि कुमार, ओमवीर, विक्रम वाल्मीकि, संजू देवी और राजेश देवी समेत कई लोग मौजूद रहे।





