BY: MOHIT JAIN
आगरा में गुरुवार को कलेक्ट्रेट परिसर में एक दिव्यांग युवक ने अपनी मांगों को लेकर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिसकर्मी की सतर्कता से बड़ी घटना टल गई। इस घटना के बाद जिलाधिकारी (DM) अरविंद मल्लप्पा बंगारी खुद मौके पर पहुंचे और दिव्यांगजनों के बीच जमीन पर बैठकर उनकी शिकायतें सुनीं।
घटना का पूरा विवरण
- यह घटना किरावली तहसील के ककुआ क्षेत्र से जुड़े दिव्यांगजनों की समस्याओं को लेकर हुई।
- दिव्यांगजन आसरा सर्विस सेंटर को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे थे।
- गुरुवार को वे कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरने पर बैठ गए और लंबे समय तक अपनी समस्याओं के समाधान की मांग करते रहे।
- जब उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई, तो एक दिव्यांग युवक ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने का प्रयास किया।
- मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ने तुरंत युवक से पेट्रोल की बोतल छीन ली और उसकी जान बचाई।
DM का हस्तक्षेप

- घटना की सूचना मिलने पर DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी अपने चैंबर से निकलकर धरना स्थल पर पहुंचे।
- उन्होंने दिव्यांगजनों के बीच जमीन पर बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं।
- DM ने एल्मिको अधिकारियों से तुरंत बातचीत की और 1-2 दिन में सेंटर को फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया।
- DM के आश्वासन के बाद दिव्यांगजन धरने से उठ गए।
क्या है एल्मिको और आसरा सर्विस सेंटर?
- भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (ALIMCO), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है।
- इसके तहत दिव्यांगजनों का रजिस्ट्रेशन और भौतिक सत्यापन किया जाता है।
- विभिन्न स्थानों पर आयोजित शिविरों में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए जाते हैं।
- पहले, अगर इलेक्ट्रॉनिक ट्राइसाइकिल या उपकरण में एक साल के भीतर कोई खराबी आती थी, तो उसे आसरा सेंटर में मुफ्त मरम्मत के लिए भेजा जा सकता था।
- इस साल सेंटर बंद होने के कारण दिव्यांगजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दिव्यांगों का आरोप
दिव्यांगजनों का कहना है कि शिकायत दर्ज कराने के लिए पैसों की मांग की गई थी। पैसे न देने पर उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराई गईं।
पुलिस और प्रशासन की संवेदनशीलता
धरने के दौरान पुलिसकर्मियों ने दिव्यांगों को पानी की बोतलें दीं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की।
DM का जमीन पर बैठकर शिकायत सुनना प्रशासन की संवेदनशीलता और गंभीरता को दर्शाता है।
आगरा कलेक्ट्रेट में दिव्यांग के आत्मदाह प्रयास ने दिव्यांग कल्याण योजनाओं और सेंटरों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, DM अरविंद मल्लप्पा के त्वरित हस्तक्षेप ने यह संदेश दिया कि प्रशासन संवेदनशील है और दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा।





