BY: Yoganand Shrivastva
कराची: भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में भूकंपों की तीव्रता और संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। मई में इस सैन्य अभियान के बाद पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर कराची में, लगातार भूकंपीय झटके महसूस किए जा रहे हैं। केवल जून महीने में ही करीब 60 बार धरती कांप चुकी है, जिसने वहां के नागरिकों को मानसिक रूप से झकझोर कर रख दिया है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर और इससे कैसे जुड़ा है भूकंप?
भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसके कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान की ओर से जवाबी कार्रवाई हुई, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने 11 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया।
इस ऑपरेशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह अटकलें भी सामने आईं कि पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है, जिससे रेडियोएक्टिव रिसाव और भूगर्भीय असंतुलन की संभावना जताई गई थी। हालांकि, इस पर किसी पक्ष ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
जून में रिकॉर्ड 60 बार भूकंप
- जून 2025 के दौरान कराची सहित सिंध प्रांत में 60 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए।
- 2 जून से 22 जून के बीच सबसे अधिक गतिविधियां दर्ज की गईं।
- सिर्फ 2 जून को ही 10 भूकंप दर्ज हुए।
- 22 जून को आए 6 झटकों में से चार की तीव्रता 3.0 से अधिक रही।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
- कराची के मलीर क्षेत्र में सबसे ज्यादा 33 भूकंप दर्ज हुए।
- अन्य प्रभावित इलाके: कायदाबाद, लांधी, गदप, डीएचए सिटी, कोरंगी।
- मलीर और लांधी जैसे इलाकों में लोग बार-बार घरों से बाहर निकलते नजर आए।
लोगों पर मानसिक असर
स्थानीय लोगों के अनुसार बार-बार आ रहे झटकों ने जीवन को भयभीत कर दिया है।
- लांधी निवासी जहीर उल हसन ने कहा: “2 जून को आए भूकंप के दौरान हमें ज़मीन का कंपन्न महसूस हुआ, जैसे कुछ बड़ा होने वाला हो।”
- फैज़ान कादरी और निगहत खान जैसे नागरिकों ने मानसिक तनाव और असुरक्षा की भावना जाहिर की।
जनहानि नहीं, लेकिन डर कायम
इन झटकों से कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 22 जून के बाद से झटकों में कुछ कमी आई है, जिससे थोड़ी राहत जरूर मिली है।