रिपोर्ट- मनीष सिंह, एडिट- विजय नंदन
सुकमा: छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। मंगलवार को कुल 27 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन पर कुल 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आत्मसमर्पण करने वालों में 10 महिला और 17 पुरुष नक्सली शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, आत्मसमर्पित नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन नंबर 01 के दो हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं। इसके अलावा, सीवायसीएम 01, पार्टी सदस्य 15 और अग्र संगठन के 11 सदस्य भी मुख्यधारा में लौट आए हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में से
- 1 माओवादी पर ₹10 लाख का इनाम,
- 3 पर ₹8-8 लाख
- 1 पर ₹3 लाख
- 2 पर ₹2-2 लाख
- 9 माओवादियों पर ₹1-1 लाख का इनाम घोषित था।
- कुल मिलाकर, इन नक्सलियों पर ₹50 लाख का इनाम था।
इन सभी ने छत्तीसगढ़ सरकार की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति” और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। बताया जा रहा है कि बीते महीनों में अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलों के नए कैंप स्थापित होने और पुलिस के बढ़ते प्रभाव के कारण इन नक्सलियों ने हथियार डालने का फैसला लिया है।

सुरक्षा एजेंसियों की अहम भूमिका
इन नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में जिला बल, डीआरजी, विआशा सुकमा, इंटेरोगेशन सेल, एसटीएफ, सीआरपीएफ (2, 74, 131, 151, 216, 217 बटालियन) और कोबरा 203 बटालियन की सूचना शाखा के कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यह आत्मसमर्पण सुकमा क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
जनवरी 2025 से अब तक 1000 से अधिक का आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ में “Anti-Naxal operations” और “rehabilitation policy” के तहत एक रिपोर्ट के अनुसार 13 महीनों में लगभग 1,040 नक्सली आत्मसमर्पित हुए हैं।
- जुलाई 2025- 66 नक्सली आत्मसमर्पण किया।
- सुकमा जिले से 27 नक्सलियों का आत्मसमर्पण हुआ है।
- नारायणपुर से भी 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
इन रिपोर्ट्स के आधार पर यह कहा जा सकता है कि जनवरी 2025 से अब तक पूरे नक्सल प्रभावित क्षेत्र (विशेषकर मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि) में हजारों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही 1000 के करीब आत्मसमर्पण की संख्या रिपोर्ट की गई है। जबकि 2024 में 881 नक्सलियों ने सरकार के सामने अपने हथियार डाले थे।