ऑपरेशन सिंदूर के योद्धाओं को सलाम

भारतीय वायुसेना 8 अक्टूबर को अपना 93वां वायुसेना दिवस मनाने जा रही है। इस बार का समारोह उन जांबाज योद्धाओं को समर्पित होगा जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वीरता और साहस का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। इसी के सम्मान में एयर फोर्स अपने बहादुर सैनिकों को कुल 97 वीरता पुरस्कारों से सम्मानित करेगी।
पाकिस्तानी हमले नाकाम, 7 स्क्वॉड्रनों को मिला सम्मान
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के लगभग सभी हवाई हमलों को विफल कर दिया था। इस सफलता में सात अग्रिम स्क्वॉड्रनों की भूमिका अहम रही, जिन्हें उनके असाधारण पराक्रम के लिए यूनिट प्रशस्ति पत्र (Unit Citations) से सम्मानित किया जाएगा। वायुसेना के अत्याधुनिक विमान, मिसाइल सिस्टम और रणनीतिक प्लेटफॉर्म ने इस ऑपरेशन के नतीजों को निर्णायक रूप से आकार दिया।
राफेल, एस-400 और ब्रह्मोस ने बढ़ाई ताकत
इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के कई प्रमुख प्लेटफॉर्म्स ने अहम भूमिका निभाई।
एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस रेजिमेंट ने लंबी दूरी तक दुश्मन विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों को निष्क्रिय कर पाकिस्तान की मिसाइल धमकियों को ध्वस्त किया।
राफेल फाइटर जेट्स (नं.17 स्क्वॉड्रन “गोल्डन एरोज़”) ने उन्नत हथियारों और सटीक हमलों की क्षमता के दम पर यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पाकिस्तानी विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश न कर सके।
सु-30 एमकेआई विद ब्रह्मोस (नं.222 स्क्वॉड्रन “टाइगर शार्क्स”) ने आतंकी अड्डों पर गहरी और सटीक स्ट्राइक मिशन अंजाम दिए।
लोइटरिंग-म्यूनिशन यूनिट ने युद्ध क्षेत्र में वास्तविक समय की निगरानी और सटीक हमले कर दुश्मन के रक्षा नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया।
वीरों की वीरता को सलाम

इन सभी स्क्वॉड्रनों और यूनिट्स के अलावा, वे एयर वारियर्स जिन्होंने सीधे ऑपरेशन सिंदूर में हिस्सा लिया और असाधारण बहादुरी दिखाई, उन्हें भी वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। उनकी निडरता और प्रतिबद्धता ने न सिर्फ वायुसेना की शक्ति को प्रदर्शित किया, बल्कि भारत की सुरक्षा की नई परिभाषा गढ़ी।
भारतीय वायुसेना का 93वां स्थापना दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि देश की हवाई शक्ति, अनुशासन और अदम्य साहस का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर के वीरों की यह गाथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी और यह साबित करेगी कि भारतीय वायुसेना हर परिस्थिति में राष्ट्र की रक्षा के लिए तत्पर ह